बिहार के मोतिहारी जिले से एक शर्मनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ पुलिस महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि रेप जैसे संवेदनशील मामलों में पुलिस की संवेदनहीनता की पोल भी खोल दी है। हरसिद्धि थाना में तैनात महिला दरोगा पिंकी कुमारी को एक रेप पीड़िता के साथ घोर लापरवाही और अनैतिक व्यवहार के आरोप में एसपी स्वर्ण प्रभात ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
दरअसल, दरोगा पिंकी कुमारी पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता की मेडिकल जांच और कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए पीड़िता के परिजनों से बोलरो जैसी लग्जरी गाड़ी की मांग की थी। इसके साथ ही कोर्ट में पेशी के नाम पर अतिरिक्त पैसों की भी डिमांड की गई। मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता के रिश्तेदार और महिला दरोगा के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना मोतिहारी जिले के हरसिद्धि थाना क्षेत्र की है, जहां 27 अप्रैल को एक युवती के साथ बलात्कार की दर्दनाक वारदात हुई। पीड़िता ने उसी दिन थाने में जाकर आवेदन दिया और एफआईआर दर्ज कराई। लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही कि महिला दरोगा पिंकी कुमारी ने तीन दिनों तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
इस दौरान ना तो पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई और ना ही उसे कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने ले जाया गया। जब सोशल मीडिया पर मामला वायरल हुआ और लोगों का गुस्सा भड़का, तब जाकर पुलिस हरकत में आई।
ऑडियो वायरल होते ही खुली दरोगा की असलियत
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब पीड़िता के परिजन और दरोगा पिंकी कुमारी के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सामने आया। इस ऑडियो में दरोगा स्पष्ट रूप से पीड़िता के परिजन से बोलरो गाड़ी और कोर्ट खर्चे के लिए पैसे मांगते हुए सुनी जा सकती हैं।
परिजन ने जब आर्थिक तंगी का हवाला दिया, तब भी दरोगा ने नरमी नहीं दिखाई और गाड़ी की व्यवस्था करने की जिद पर अड़ी रहीं। यह ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने मामले को तूल दे दिया और पुलिस विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
SP स्वर्ण प्रभात ने की त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने त्वरित एक्शन लिया। उन्होंने अरेराज डीएसपी को जांच का जिम्मा सौंपा। जांच में वायरल ऑडियो की सत्यता सिद्ध होते ही दरोगा पिंकी कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
एसपी स्वर्ण प्रभात ने स्पष्ट रूप से कहा –
“वायरल ऑडियो की डीएसपी स्तर पर जांच कराई गई थी। ऑडियो को सत्य पाया गया है। महिला दरोगा पिंकी कुमारी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस में भ्रष्टाचार या संवेदनहीनता को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
पुलिस की संवेदनहीनता और सवालों के घेरे में सिस्टम
इस पूरे मामले ने न सिर्फ पुलिस विभाग की संवेदनहीनता को उजागर किया है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि पीड़ितों के लिए न्याय की राह कितनी कठिन है। जब एक महिला पुलिस अधिकारी ही रेप पीड़िता से इस तरह का व्यवहार करे, तो यह मानवता के नाम पर एक काला धब्बा है।
ऐसे मामलों में जब पीड़िता को पुलिस की मदद की सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है, तब वर्दी में बैठे कुछ लोग उसी पीड़ा को मुनाफे और सौदेबाज़ी का ज़रिया बना लेते हैं।
क्या आगे होगा दरोगा पिंकी कुमारी पर मामला दर्ज?
फिलहाल दरोगा पिंकी कुमारी को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या उन पर आचार संहिता उल्लंघन, भ्रष्टाचार, और पीड़िता को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी या मामला यहीं शांत हो जाएगा।
वहीं, आम जनता और सामाजिक संगठनों की मांग है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कड़ी सजा दी जाए, ताकि आने वाले समय में कोई और वर्दीधारी इस तरह की हरकत करने से पहले सोचने पर मजबूर हो।
क्या वर्दी के नाम पर संवेदनाएं खत्म हो चुकी हैं?
मोतिहारी की यह घटना न सिर्फ एक केस है, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है। जब एक पीड़िता न्याय के लिए थाने का दरवाज़ा खटखटाती है और उसे वहीं पर मानसिक शोषण झेलना पड़े, तो यह समाज की न्यायिक व्यवस्था पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न है।
अब बारी सिस्टम की है कि वह इस मामले को नजीर बनाए या एक और फाइल में दबा दे।