राजधानी पटना और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पुलिस की तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं और पेट्रोलिंग दावों के बीच अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब थानों के आसपास भी अपराधिक वारदातों को अंजाम देने से नहीं चूक रहे। ताजा मामला पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत रानीतालाब थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां थाना से महज कुछ कदमों की दूरी पर स्थित कनपा पुल के पास दो नाबालिग छात्रों के संदिग्ध अपहरण की वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, लहलादपुर गांव निवासी राकेश कुमार (उम्र 16 वर्ष), पिता – शेखराम, और सुजीत कुमार (उम्र 15 वर्ष), पिता – जितेंद्र राम, दोनों 20 मई की दोपहर करीब तीन बजे कनपा बाजार स्थित मूनलाइट कोचिंग सेंटर में पढ़ने के लिए अपने घर से निकले थे। परिजनों के अनुसार, दोनों छात्र नियमित रूप से कोचिंग में जाया करते थे। लेकिन देर शाम तक जब दोनों घर नहीं लौटे, तो चिंतित परिजनों ने उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की, जो लगातार स्विच ऑफ मिला।
कोचिंग से लौटते वक्त हुआ गायब, चाउमिन दुकान बना घटनास्थल
स्थानीय चश्मदीदों और बाद में छात्र द्वारा फोन पर दी गई जानकारी के अनुसार, कोचिंग समाप्त करने के बाद दोनों छात्र कनपा पुल के पास एक चाउमिन दुकान पर रुके थे, जहां से उन्हें कुछ अज्ञात युवकों द्वारा जबरन उठाकर ले जाने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, रात करीब 1:18 बजे छात्र राकेश कुमार ने किसी तरह मोबाइल तक पहुंच बनाकर अपने भाई सुकेश कुमार को फोन किया। उसने बताया कि उसे और सुजीत को एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया है और उसे यह नहीं मालूम कि वे कहां हैं। उसने यह भी कहा कि उन्हें कनपा पुल के पास से उठाया गया। बातचीत के दौरान ही उसने कहा, “कोई आ रहा है,” और फिर फोन कट गया।
परिजनों ने थाने में दी अपहरण की लिखित शिकायत
अगले दिन सुबह, राकेश के परिजनों ने यह जानकारी लेकर रानीतालाब थाना पहुंचकर अपहरण की आशंका जताते हुए लिखित आवेदन दिया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने छात्रों के मोबाइल लोकेशन को ट्रैक करना शुरू किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की लोकेशन प्राप्त हुई है।
पुलिस ने बनाई विशेष टीम, वाराणसी में छापेमारी जारी
रानीतालाब थाने की टीम ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष पुलिस टीम गठित कर दी है, जो वाराणसी में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। स्थानीय पुलिस से भी संपर्क स्थापित कर छात्रों की सकुशल रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, “छात्रों की लोकेशन की पुष्टि वाराणसी के कुछ हिस्सों में हुई है, हम जल्द ही उन्हें ट्रेस कर सकने की उम्मीद कर रहे हैं।”
कोचिंग पहुंचे ही नहीं थे छात्र? एक और मोड़
इधर, घटना से जुड़ी जांच में एक नया मोड़ सामने आया है। पुलिस को मिले शुरुआती तथ्यों के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि छात्र कोचिंग सेंटर तक पहुंचे ही नहीं थे। इससे यह आशंका और गहराई है कि शायद उन्हें कोचिंग जाने से पहले ही अगवा कर लिया गया हो। हालांकि यह जांच का विषय है और पुलिस सभी पहलुओं पर काम कर रही है।
परिजनों की अनहोनी की आशंका, अपील – “हमारे बच्चे वापस आ जाएं”
अपहृत छात्र राकेश कुमार के पिता शेखराम ने बताया कि उनका किसी से कोई विवाद या दुश्मनी नहीं है। “बच्चे रोज कोचिंग जाते थे। हमें समझ नहीं आ रहा कि आखिर किस वजह से कोई उन्हें उठा ले गया। हम सिर्फ चाहते हैं कि हमारे बच्चे सुरक्षित लौट आएं।” सुजीत के परिजनों ने भी प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की अपील की है।
स्थानीय पुलिस ने बनाई दूरी, जांच जारी
घटना को लेकर पुलिस ने फिलहाल सार्वजनिक बयान देने से परहेज किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और सभी संभावनाओं को ध्यान में रखकर कार्रवाई हो रही है। क्या यह केवल अपहरण है या इसके पीछे कोई और साजिश? यह आने वाले दिनों में जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
थाने से कुछ गज की दूरी पर छात्रों का गायब हो जाना न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह पूरे सिस्टम को चुनौती देने वाली घटना है। पुलिस पर अब दबाव है कि वह जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाए और अपहृत छात्रों को सकुशल उनके परिवारों तक पहुंचाए। यह घटना राजधानी के उपनगरों में अपराध की बढ़ती जड़ों की गंभीर चेतावनी है।