जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए नृशंस आतंकी हमले ने न केवल देशवासियों को झकझोरा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भी भारत की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों को उजागर किया है। इस क्रूर हमले में जान गंवाने वाले निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि देने और आतंक के विरुद्ध एकजुटता व्यक्त करने के लिए इंडिया गठबंधन के सभी प्रमुख घटक दलों—राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले)—ने बिहार के भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में एक विशाल कैंडल मार्च का आयोजन किया।
मानवता के पक्ष में, आतंकवाद के विरुद्ध—आरा बना प्रतीक स्थल
इस मार्च का नेतृत्व राजद भोजपुर जिलाध्यक्ष श्री वीरबल यादव ने किया, जिनके साथ बड़ी संख्या में आम नागरिक, राजनीतिक कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और छात्र शामिल हुए। यह मार्च न केवल भारत की आंतरिक पीड़ा का प्रतीक बना, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और नेतृत्व की दिशा पर भी सवाल खड़ा कर गया।

मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने “आतंकवाद मुर्दाबाद”, “भारत माता की जय” और “शहीदों को न्याय दो” जैसे नारों के माध्यम से अपनी भावना प्रकट की। अंत में दो मिनट का मौन रखकर शहीद नागरिकों को श्रद्धांजलि दी गई।
सांसद सुदामा प्रसाद का बड़ा बयान: “केंद्र की नीति असफल, इस्तीफा दें गृह व रक्षा मंत्री”
आरा के सांसद और इंडिया गठबंधन के वरिष्ठ नेता श्री सुदामा प्रसाद ने इस मौके पर केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा:
“अगर देश का गृह मंत्री और रक्षा मंत्री देश की सीमाओं और नागरिकों की रक्षा करने में असफल साबित हो चुके हैं, तो सही निर्णय होगा कि वे अपने पद से त्यागपत्र दें।”
उन्होंने कहा कि भारत अब केवल घरेलू स्तर पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक पहल की ओर कदम बढ़ाए।
उनकी चार प्रमुख मांगें रहीं:
- शहीद परिवारों को ₹1 करोड़ का मुआवज़ा
- योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक प्रायोजक देशों के विरुद्ध कूटनीतिक दबाव
- संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सीट के लिए सक्रिय अभियान
राजद जिलाध्यक्ष वीरबल यादव: “यह हमला मानवता के खिलाफ युद्ध है”
वीरबल यादव ने कहा:
“यह आतंकी हमला किसी एक धर्म, जाति या क्षेत्र पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है। जो इसे धार्मिक या राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं, वे देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर रहे हैं।”
उन्होंने केंद्र से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ संयुक्त सैन्य रणनीति विकसित करने की भी मांग की।

कांग्रेस का स्पष्ट रुख: “सुरक्षा व्यवस्था की असफलता शर्मनाक”
कांग्रेस भोजपुर जिलाध्यक्ष अशोक राम ने सरकार से पूछा:
“आज दुनिया में आतंकवाद केवल भारत की समस्या नहीं है, यह वैश्विक संकट है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और इस्राइल की तरह भारत को भी आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट, सख्त और निर्णायक रुख अपनाना चाहिए। भारत को UNGA और UNSC में फिर से प्रस्ताव लाकर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए।”
उन्होंने साथ ही यह भी मांग की कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के माध्यम से इस नरसंहार को मानवता के खिलाफ अपराध घोषित करने की दिशा में पहल करे।
माले नेता राजू यादव: “अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप अब ज़रूरी”
भोजपुर के माले नेता राजू यादव ने कहा:
“भारत को सिर्फ आंतरिक नीतियों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। पाकिस्तान और अन्य आतंकी समर्थक देशों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र और एफएटीएफ (FATF) में ठोस कार्रवाई की ज़रूरत है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को अमेरिका, रूस, फ्रांस और इज़रायल जैसे देशों के साथ आतंकवाद विरोधी रणनीति पर व्यावहारिक गठबंधन बनाना चाहिए।

वैश्विक प्रतिक्रियाएं और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की भूमिका
पहलगाम हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, अमेरिका, और ब्रिटेन ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे “भारत के लोकतंत्र पर हमला” कहा है।
अब भारत पर यह जिम्मेदारी है कि वह ग्लोबल वार ऑन टेरर की अगुआई करे। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और क्षेत्रीय समन्वय की आवश्यकता है।
कैंडल मार्च में शामिल प्रमुख चेहरें और जन प्रतिनिधि
इस कैंडल मार्च में कई वरिष्ठ नेताओं और सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही, जिनमें शामिल हैं:
राजद के जिला प्रधान महासचिव रामबाबू पासवान, पूर्व विधायक अनवर आलम, पूर्व विधायक विजयेंद्र यादव, पूर्व विधायक भाई दिनेश, माले नेता राजू यादव, दिलराज प्रीतम, प्रदेश महासचिव मनोज सिंह, राजद के जिला प्रवक्ता आलोक रंजन, कयामुद्दीन अंसारी, जिप आरती देवी, घनश्याम उपाध्याय, राजेंद्र ओझा, युवा राजद जिलाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार, रजनीश यादव, भीम कुमार, सोनू रजक, हरिफन यादव, सीपीएम नेता शिवकेश्वर, राकेश त्रिपाठी, प्रमोद राय, श्रीधर तिवारी, संतोष पांडे, हीरा ओझा, मंटू शर्मा, राजू यादव, सोहेल अंसारी, कयामुद्दीन अंसारी, मनोज गुप्ता, अमित बंटी, रवि आनंद, साबिर कुमार, रौशन कुशवाहा, साहिल अरोड़ा, आकाश पासवान, मिल्टन कुशवाहा, रणधीर कुमार राणा, राजद नगर अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा, एकराम आलम, जगदीश कुशवाहा, दुर्गावती कुशवाहा, अनूप मौर्य, विष्णु यादव, रोहित यादव समेत कई अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
भारत अब निर्णायक मोड़ पर
पहलगाम की घटना भारत को एक ऐसे नीतिगत चौराहे पर लाकर खड़ा कर चुकी है, जहां उसे यह तय करना है कि क्या वह घरेलू राजनीतिक विवादों में उलझा रहेगा या अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त रणनीतिक राष्ट्र के रूप में उभरेगा।
आरा से शुरू हुआ यह कैंडल मार्च महज एक स्थानीय प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि भारत की ओर से दुनिया को दिया गया एक सीधा संदेश है—आतंक के खिलाफ अब कोई समझौता नहीं।