पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती की भतीजी ने हाल ही में अपने पति और ससुराल के सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़िता ने दावा किया है कि उसकी सास, पुष्पा देवी, और ससुर, श्रीपाल सिंह, ने दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करने के साथ-साथ 50 लाख रुपये नकद और इंदिरापुरम में एक फ्लैट की मांग की। साथ ही, उसने अपने जेठ और ससुर पर दुष्कर्म के प्रयास और मारपीट के आरोप भी लगाए हैं।
मुकदमे की पृष्ठभूमि
एफआईआर में दावा किया गया है कि पीड़िता, जो खुद को मायावती के भाई की बेटी बताती हैं, ने बताया कि उनकी शादी 9 नवंबर 2023 को हापुड़ नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष पुष्पा देवी के बेटे विशाल से हुई थी। शादी के पश्चात ही आरोपियों ने महिला को लगातार प्रताड़ना का निशाना बनाया। उन्होंने पीड़िता से पार्टी टिकट, 50 लाख रुपये नकद तथा दहेज के रूप में एक फ्लैट की मांग की। इसका तर्क देते हुए आरोपियों ने कहा कि मायावती बहुजन समाज पार्टी की कर्ताधर्ता हैं और उनके पास पर्याप्त धन-संपदा मौजूद है।
घटना के तथ्यों पर रोशनी
पीड़िता ने एफआईआर में विस्तृत रूप से बताया कि मना करने पर उसके साथ मारपीट, गाली-गलौज एवं जान से मारने की धमकियाँ दी गईं। उसने अपने पति के संबंध में भी खुलासा किया कि शादी से पूर्व ही वह बॉडी बनाने के सिलसिले में स्टेरायड इंजेक्शन लेता था, जिसके कारण वह नपुंसक हो गया था और बाद में आपसी संबंध में दूरी पैदा हुई। पीड़िता का कहना है कि बच्चा पैदा कराने के दबाव में ससुराल पक्ष ने उसके जेठ से शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया।
उसने further आरोप लगाया कि 17 फरवरी 2025 की रात जेठ, भूपेंद्र उर्फ मोनू और ससुर श्रीपाल सिंह ने मिलकर उसे बेरहमी से पीटा और साथ ही दुष्कर्म का प्रयास भी किया। 18 मार्च 2025 को पीड़िता ने अपने परिवार को आपबीती सुनाई, जिसके पश्चात उनके परिजन ससुराल पहुंचे। पुलिस द्वारा प्रारंभिक शिकायत दर्ज करने में देरी तथा रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार करने के बाद, पीड़िता ने अंततः न्याय के लिए एसपी के पास शिकायत दर्ज कराई।
न्यायिक हस्तक्षेप एवं पार्टी की प्रतिक्रिया
फिर भी पुलिस कार्रवाई में देरी के बाद, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर सभी नामांकित आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की गहन जांच जारी है और दोषियों के विरुद्ध निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के प्रकाश में, बसपा जिलाध्यक्ष डॉ. एके कर्दम ने आरोपी दंपती एवं उनके पुत्र को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि दबाव में आए हुए इस कदम से पार्टी के भीतर नैतिक मूल्यों के प्रश्न उठने लगे हैं और ऐसे मामलों पर तीव्र प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
यह मामला उत्तर प्रदेश की राजनीति में दहेज प्रथा, दुराचार और पारिवारिक हिंसा की जटिलताओं को उजागर करता है। पीड़िता के आरोपों का गंभीरता से जांच की जा रही है और उम्मीद की जा रही है कि न्यायालय एवं प्रशासन के आदेशों के अनुरूप दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से जुड़ी अन्य जटिलताओं पर भी आगे की जांच की प्रक्रिया जारी है।