बिहार के जमुई जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो न सिर्फ प्रेम और साहस की मिसाल बना, बल्कि सामाजिक बंधनों और जातीय दायरों को तोड़ने वाली एक सच्ची प्रेम कहानी के रूप में चर्चा में है। एक शिक्षक की बेटी ने अपने ही ट्यूशन पढ़ने आए छात्र से प्रेम विवाह कर लिया और परिवार की धमकियों से परेशान होकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मामला जमुई जिले के अलीगंज थाना क्षेत्र का है, जहां चाय बेचने वाले के बेटे राजीव कुमार का एक स्थानीय शिक्षक के घर ट्यूशन के लिए आना-जाना था। वहीं शिक्षक की बेटी गुड़िया कुमारी से राजीव की मुलाकात हुई, और 2017 से दोनों के बीच प्रेम संबंध शुरू हो गए। शुरुआत में मोबाइल नंबरों के आदान-प्रदान से शुरू हुआ संवाद धीरे-धीरे प्रेम में तब्दील हो गया। दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया।

जब यह संबंध गुड़िया के परिवार को पता चला, तो उन्होंने बेटी पर सख्त पहरा बिठा दिया। आरोप है कि परिवार वालों ने गुड़िया को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उसने बताया कि उसे खाना तक नहीं दिया जाता था और घर में कैद कर दिया गया था। इससे परेशान होकर, 17 मार्च को दोनों ने देवघर के एक मंदिर में विवाह कर लिया।
शादी के बाद गुड़िया के परिवार ने लछुआड़ थाना में राजीव और उसके परिजनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई और उन्हें जान से मारने की धमकियां देना शुरू कर दिया। दोनों लगातार 22 दिनों तक छिप-छिपकर जीने को मजबूर रहे। अंततः वे पुलिस के पास पहुंचे और सुरक्षा की मांग की।
साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार और स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। गुड़िया को न्यायिक प्रक्रिया के तहत कोर्ट ले जाया गया, जहां उसने स्पष्ट रूप से बताया कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से राजीव के साथ रहना चाहती है। कोर्ट ने गुड़िया को राजीव के साथ भेजने का आदेश दिया।
राजीव ने प्रेस से बातचीत में कहा कि उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं और लछुआड़ थाना में उसके पिता अनिल राम को भी हिरासत में लिया गया था। रिहाई के लिए पुलिस द्वारा ₹10,000 की मांग की गई थी, जिसे देने के बाद उन्हें छोड़ा गया। राजीव ने जमुई एसपी से सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि वे बस शांतिपूर्वक जीवन जीना चाहते हैं।