बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। राज्य के सत्ताधारी दल जनता दल (यूनाइटेड) के एक वरिष्ठ नेता प्रिंस सिंह उर्फ प्रिंस बजरंगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे आरा सदर अस्पताल परिसर में एक सुरक्षाकर्मी के साथ मारपीट करते और कथित रूप से उसे पिस्टल दिखाकर डराते नजर आ रहे हैं। यह घटना शनिवार को घटित हुई और अब इसने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
प्रिंस बजरंगी, जो वर्तमान में बक्सर जिले के ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र के जेडीयू विधानसभा प्रभारी हैं, अपने किसी करीबी के इलाज के सिलसिले में आरा सदर अस्पताल पहुंचे थे। वहीं अस्पताल परिसर में तैनात सुरक्षागार्ड रामस्वरूप से किसी बात को लेकर उनकी तीखी बहस हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बहस इतनी बढ़ गई कि नेता ने गार्ड के साथ हाथापाई शुरू कर दी। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने पिस्टल भी निकाल ली और सुरक्षाकर्मी को धमकाने की कोशिश की।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में बवाल मच गया है। विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार सरकार और जेडीयू नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठाए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को कानून का कोई भय नहीं रह गया है और वे खुलेआम कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उनके दल के नेताओं को कानून से ऊपर समझा जाए? यह कोई पहली घटना नहीं है जब जेडीयू नेताओं पर ऐसे आरोप लगे हों।”
प्रिंस बजरंगी ने किया आरोपों का खंडन
मामले का जदयू नेता प्रिंस बजरंगी ने खंडन किया है। “उन्होंने कहा की अस्पताल के गार्डो की करगुजारियो से पूरा जिला वाकिफ है। सदर अस्पताल के गार्ड ज़ब बिहार पुलिस के जवान और चिकित्सक को नहीं छोड़ते है तो मरीजों को क्या छोडेंगे। इस तरह के सभी मामले बेबुनियाद है। हमलोग अपने परिजनों को लेकर सदर अस्पताल में इलाज कराने गए थे। लेकिन वहा के गार्ड ने हमसे बदतमीजी करते हुए धक्का दे दिया जिसके बाद हमारे साथ रहे लोग गुस्सा हो गए और थोड़ी नोक-झोक हुई है। जितना बात फैलाया जा रहा है वो सब गलत है।”
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद भोजपुर पुलिस अधीक्षक ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। नगर थाना में जेडीयू नेता प्रिंस बजरंगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़ित गार्ड रामस्वरूप की ओर से थाने में औपचारिक शिकायत भी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है और कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।
कानून व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने न केवल राज्य की राजनीति को गर्माया है, बल्कि कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते कुछ महीनों में सत्ताधारी दलों से जुड़े नेताओं पर सार्वजनिक स्थानों पर कानून तोड़ने, सरकारी कर्मियों से बदसलूकी करने और सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप लगते रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस मामले में निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो यह जनता के बीच सरकार की साख को और नुकसान पहुंचा सकती है।