Friday, September 5, 2025
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Bihar crime: पुलिस की अनदेखी ने बढ़ाई अपराधियों की हिम्मत: मुखिया प्रतिनिधि पर जानलेवा हमला

बिहार की राजधानी पटना और इसके आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र अब अपराधियों के लिए “खुला मैदान” बन चुके हैं। दिन हो या रात, अपराधी पूरी बेखौफी से अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। आम हो या खास, कोई सुरक्षित नहीं। प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का फायदा उठाकर अपराधी खुलेआम हावी हो रहे हैं। खासकर पटना पुलिस की साख दाव पर है। सुरक्षा के लिए गुहार लगाने वालों को नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसे में ताजा मामला सामने आया है, जो इस पूरे संकट की गंभीरता को बखूबी दर्शाता है।

मुखिया प्रतिनिधि पर खुला हमला, पुलिस रही निहायत सुस्त

पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल के रानीतलाब थाना के ठीक पीछे स्थित खेल मैदान में बीती रात नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा था। इस टूर्नामेंट के मुख्य अतिथि एवं आयोजक सैदाबाद-जनपारा पंचायत के मुखिया पति एवं प्रतिनिधि अंजनी कुमार सिंह सैंकड़ों लोगों के बीच मैच का आनंद ले रहे थे।

इसी बीच अचानक दो मोटरसाइकिल सवार चार अपराधी आए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अपराधियों ने मुखिया प्रतिनिधि अंजनी सिंह को सीधे निशाने पर लेकर गोली मारी, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। साथ ही अंधाधुंध गोलियां चलाने की वजह से दो दर्शक भी घायल हुए, जिनकी पहचान राजा कुमार और धर्मेंद्र कुमार के रूप में हुई है।

जख्मी मुखिया प्रतिनिधि और दो अन्य घायल व्यक्तियों को इलाज के लिए पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर उनकी हालत पर नजर बनाए हुए हैं।

पुलिस की घोर लापरवाही: बार-बार की गुहार के बाद भी न मिली सुरक्षा

इस घटना की सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि अंजनी कुमार सिंह ने पहले भी कई बार पुलिस को लिखित आवेदन देकर अपनी सुरक्षा की मांग की थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया था कि उनके ऊपर जानलेवा खतरा है और अपराधी लगातार उनकी जान लेने की कोशिश कर रहे हैं।

लेकिन पटना पुलिस ने न तो उनकी सुरक्षा पर ध्यान दिया, न ही मामले की गंभीरता को समझा। पुलिस ने सुरक्षा प्रदान करने में लगातार विफलता दिखाई। ऐसा प्रतीत होता है मानो पुलिस ने कान में तेल डालकर सो जाना बेहतर समझा।

जख्मी के भाई का दर्दनाक बयान

जख्मी मुखिया प्रतिनिधि के भाई पवन कुमार ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से अपराधी उनके भाई के पीछे पड़े थे। बार-बार धमकियां दी जा रही थीं, रेकी की जा रही थी, पर पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा,
“हमने कई बार पुलिस को आवेदन दिए, गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पूरा परिवार अपराधियों के निशाने पर था। और अंततः यह घटना हुई।”

पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल, अपराधी निश्चिंत

यह हमला उस इलाके की कानून व्यवस्था की पोल खोलता है, जहां पुलिस थाने से महज कुछ कदम की दूरी पर यह वारदात हुई। न सिर्फ यह, बल्कि पिछले दो दिनों में रानीतलाब थाना क्षेत्र में दो बड़ी आपराधिक घटनाएं हुईं — एक अपहरण की और एक यह जानलेवा गोलीबारी।

दोनों घटनाएं थाने के बगल-बगल हुईं, पर पुलिस की गश्त और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह विफल नजर आई। अपराधी हथियार लहराते हुए खुलेआम घटनास्थल से फरार हो गए। यह पूरी घटना पटना पुलिस की कार्यप्रणाली और साख पर गहरा सवाल खड़ा करती है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और सामाजिक प्रभाव

मुखिया प्रतिनिधि अंजनी कुमार सिंह की राजनीतिक स्थिति, उनके विरोधी गुटों से टकराव, और स्थानीय सत्ता संघर्ष इस घटना की पृष्ठभूमि हो सकती है। क्षेत्र में राजनीतिक रंजिश और अपराधियों के गठजोड़ ने इस इलाके को अपराधियों का अड्डा बना दिया है।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या स्थानीय प्रशासन और पुलिस राजनीतिक दबाव में आकर सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम हैं? क्या राजनीतिक हितों के चलते पुलिस ने अपराधियों को खुली छूट दी है? यह स्थिति केवल राजनीतिक संकट ही नहीं बल्कि सामाजिक असुरक्षा का भी बड़ा संकेत है।

जनता में रोष, पुलिस पर बढ़ता दबाव

इस गोलीबारी की घटना ने स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश भर दिया है। जनता पुलिस से अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग कर रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक वह पुलिस और प्रशासन की इस बेपरवाही को बर्दाश्त करेंगे।

क्या हम पटना को फिर से सुरक्षित शहर बना पाएंगे? या अपराधी लोकतंत्र और कानून के ऊपर विजय पताका लहरा रहे हैं? यह चुनौती सिर्फ पुलिस की ही नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की है।

पटना के पालीगंज इलाके में हुई यह गोलीबारी न केवल एक अपराध है, बल्कि कानून व्यवस्था की गहरी विफलता का प्रतिबिंब भी है। गुहार लगाने वालों की सुनवाई न होना, पुलिस की कार्यप्रणाली में भारी कमी और राजनीतिक दबाव की मौजूदगी ने इस घटना को जन्म दिया।

यह वक्त है कि सरकार, प्रशासन और पुलिस मिलकर जनता को विश्वास दिलाएं कि वे सुरक्षित हैं। नहीं तो अपराध और भय का ये चक्र कभी खत्म नहीं होगा।

Amlesh Kumar
Amlesh Kumar
अमलेश कुमार Nation भारतवर्ष में सम्पादक है और बीते ढाई दशक से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिकता जगत की अनुभव के साथ पंजाब केशरी दिल्ली से शुरुवात करते हुए दिनमान पत्रिका ,बिहारी खबर, नवबिहार, प्रभात खबर के साथ साथ मौर्य टीवी, रफ्तार टीवी,कशिश न्यूज, News4Nation जैसे मीडिया हाउस में काम करते राजनीति, क्राइम, और खेल जैसे क्षेत्रों में बेबाक और बेदाग पत्रकारिता के लिए जाने जाते है।

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