बिहार के जमुई जिले से एक बड़ी और गंभीर आपराधिक घटना का सफलतापूर्वक पटाक्षेप हुआ है। बरहट थाना क्षेत्र के सुगुआ महुआ गांव के पास जंगली इलाके में एक युवक का अपहरण कर 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग करने वाले तीन अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अपहृत युवक गौतम कुमार उर्फ पप्पू, जो झारखंड के दुमका का रहने वाला बताया जा रहा है, को घायल अवस्था में सकुशल मुक्त कर लिया गया।
इस कार्रवाई ने एक बार फिर से बिहार पुलिस की तत्परता और तकनीकी दक्षता को रेखांकित किया है। साथ ही, आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाया है।

घटनाक्रम का पूरा ब्यौरा: कैसे सुलझा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह जमुई पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक को अपहरण कर बरहट के जंगलों में बंधक बनाकर रखा गया है और अपराधी परिजनों से 10 लाख रुपये फिरौती की मांग कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रामानंद कुमार कौशल ने तुरंत अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO) सतीश सुमन के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया।
टीम में बरहट थाना प्रभारी कुमार संजीव, लक्ष्मीपुर थाना प्रभारी आलोक कुमार और DIU टेक्निकल इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारी भी शामिल किए गए। तकनीकी निगरानी के जरिए आरोपितों के फोन नंबर को ट्रैक किया गया, जिससे अपहृत युवक की लोकेशन की पहचान कर त्वरित कार्रवाई की गई।
अपहरण के पीछे का सच: साइबर क्राइम कनेक्शन भी आया सामने
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि अपहृत युवक गौतम कुमार खुद भी पहले से धनबाद और दुमका में साइबर क्राइम गतिविधियों में लिप्त रहा है। इसी पृष्ठभूमि में उसकी मुलाकात बरहट क्षेत्र के कुछ लोगों से हुई, जो खुद भी साइबर अपराधों में सक्रिय थे।
आरोपियों ने विश्वास में लेकर गौतम को दुमका से बुलाया और फिर जंगल में ले जाकर बंधक बना लिया। गौतम लगभग 6 से 7 घंटे तक अपराधियों की गिरफ्त में रहा।
आरोपियों ने उसके परिजनों से मुक्त करने के एवज में 10 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी। पुलिस द्वारा समय रहते कार्रवाई करने से बड़ी आपराधिक साजिश नाकाम हो गई।
SIT की त्वरित कार्रवाई: तीन आरोपी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
पुलिस ने घटनास्थल से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनकी पहचान इस प्रकार की गई:
- राकेश यादव
- सुरेश महतो
- अजय कुमार
इन आरोपियों के पास से कई मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए। पुलिस के अनुसार, चार से पाँच अन्य आरोपी जंगली इलाकों का फायदा उठाकर फरार हो गए हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पुलिस की बड़ी कामयाबी: बढ़ते अपराध के बीच कानून-व्यवस्था पर सख्त नियंत्रण
जमुई पुलिस की इस तेजी और कुशल रणनीति से न केवल एक बड़े अपहरण कांड को विफल किया गया, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने का स्पष्ट संदेश भी दिया गया है।
यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब बिहार में अपराध और सुरक्षा को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। सत्तारूढ़ दल जहां अपराध नियंत्रण के अपने प्रयासों का प्रचार कर रहा है, वहीं विपक्ष इसे राज्य सरकार की विफलता करार दे रहा है।
विशेष रूप से:
- बिहार में आगामी 2025 विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र अपराध नियंत्रण एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।
- विपक्षी दलों ने लगातार राज्य सरकार पर अपराध नियंत्रण में विफल रहने के आरोप लगाए हैं।
- इस घटनाक्रम के बाद, सरकार इस कार्रवाई को अपनी “कानून व्यवस्था सुधारने” की दिशा में एक उपलब्धि के तौर पर प्रचारित कर सकती है।
जमुई पुलिस का आधिकारिक बयान
एसडीपीओ सतीश सुमन ने प्रेस को बताया:
“हमने सूचना मिलते ही विशेष टीम बनाकर त्वरित कार्रवाई की। तकनीकी विश्लेषण और फील्ड इंटेलिजेंस की मदद से अपहृत युवक को सुरक्षित बरामद किया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। फरार अपराधियों की तलाश जारी है।”
वहीं, एसपी रामानंद कौशल ने भी कहा:
“जमुई पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की घटनाओं को हम किसी भी हाल में सफल नहीं होने देंगे। अपराधियों को जल्द गिरफ्तार कर कानून के हवाले किया जाएगा।”
जमुई जिले में 10 लाख की फिरौती मांगने वाले गिरोह का पर्दाफाश बिहार पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। अपहृत युवक की सुरक्षित रिहाई और आरोपियों की गिरफ्तारी ने जहां अपराधियों के मनोबल को तोड़ा है, वहीं राज्य सरकार के लिए कानून-व्यवस्था को लेकर एक सकारात्मक संदेश भी दिया है।
आगामी चुनावी माहौल में इस तरह की कार्रवाइयां सीधे तौर पर जनता के बीच सरकार की छवि को प्रभावित कर सकती हैं। विपक्ष भले ही कानून-व्यवस्था के सवाल खड़े कर रहा हो, लेकिन जमुई पुलिस की त्वरित कार्रवाई यह दिखाती है कि प्रशासन अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पूरी तरह सजग है।