राजधानी पटना के दानापुर इलाके में सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां BBA की तीसरी वर्ष की छात्रा वर्षा कुमारी ने अपने गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह से दरवाजा नहीं खोलने पर हॉस्टल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद छात्रा का शव कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला।

फंदे से लटका मिला शव
- समय व स्थान: शनिवार सुबह लगभग 9:30 बजे, दानापुर स्थित एक निजी गर्ल्स हॉस्टल
- मृतका: वर्षा कुमारी (22), मूल निवासी मुजफ्फरपुर
- कैसे पता चला: हॉस्टल स्टाफ ने जब कई घंटों तक दस्तक के बाद दरवाजा नहीं खोला, तो पुलिस को बुलाकर फोर्स लगा दी गई।
पुलिस ने कमरे में दाखिल होकर देखा कि वर्षा का शव फंदे से लटका हुआ था। उन्होंने तत्काल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पटना मेडिकल कॉलेज भेज दिया।
मौके पर जुटी पुलिस, आत्महत्या के कारणों की जांच
दानापुर थाना की पुलिस अधीक्षक और सिटी एसपी ने बताया कि
“घटना की जानकारी मिलने पर हम मौके पर पहुंचे। शव कब्जे में लेकर प्रारंभिक औपचारिकताएं पूरी कर दी गई हैं। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और हॉस्टल स्टाफ, सहपाठी विद्यार्थियों से पूछताछ के आधार पर आत्महत्या के कारणों की गहन जांच की जाएगी।”
पुलिस ने बताया कि वर्षा के मोबाइल और व्यक्तिगत सामान को भी बरामद कर लिया गया है, जिससे आत्महत्या के पीछे के संभावित मानसिक, शैक्षिक या पारिवारिक दबाव का आकलन किया जाएगा।
हॉस्टल में पसरा खामोशी भरा डर
इस घटना के बाद हॉस्टल में ठिठुरन फैल गई है। अन्य छात्राएं सदमे में हैं और हॉस्टल प्रबंधन ने परिसर में संकाय और काउंसलर को बुलाकर छात्राओं को मानसिक सहारा देने की पहल की है।
हॉस्टल वार्डन ने बताया,
“हम दुखित हैं। आज से पहले वर्षा पूरी तरह सामान्य दिख रही थी, कोई संकेत नहीं था। हमने तुरंत मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों को बुलाया है।”
विशेषज्ञों की सलाह
मनोवैज्ञानिक डॉ. रिया सिन्हा कहती हैं,
“कॉलेज की पढ़ाई, नौकरी का दबाव, सोशल मीडिया की अपेक्षाएं—ये सभी युवा वर्ग पर भारी मानसिक तनाव बढ़ा रहे हैं। आत्महत्या के इरादे के कोई लक्षण दिखें, तो तुरंत प्रोफेशनल मदद लेना चाहिए।”
पटना में बार-बार छात्राओं द्वारा आत्महत्या की घटनाएं चिंता का विषय बन चुकी हैं। दानापुर मामले में पुलिस जांच जारी है, लेकिन शैक्षिक संस्थानों, परिवारों और प्रशासन को मिलकर मनोवैज्ञानिक सहायता नेटवर्क को मजबूत करना होगा। साथ ही, उच्च शिक्षा के दबाव और छात्र कल्याण पर नए सिरे से ध्यान देना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासद घटनाएं न हों।