एक साल पहले उसने समाज से लड़कर अपने दिल की सुनी थी। आंखों में सपने, सीने में उम्मीदें और हाथों में अपने प्रेमी का साथ लेकर कंचन कुमारी ने जिंदगी की नई शुरुआत की थी। लेकिन उसे क्या मालूम था कि उसकी ये जिद ही उसकी मौत की वजह बन जाएगी। बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुपरी थाना क्षेत्र के तेम्हुआ गांव में नवविवाहिता कंचन की हत्या ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। एक प्रेम कहानी जो बगावत बन गई थी, अब एक क्रूर हत्या और ऑनर किलिंग के रूप में सामने आई है।
प्यार की शुरुआत, लेकिन समाज की नज़रों में अपराध
कंचन कुमारी और सुजीत कुमार का प्यार एक आम कहानी से कुछ अलग था। जाति और सामाजिक दबावों को दरकिनार कर दोनों ने प्रेम विवाह किया था। मगर कंचन के ससुरालवालों के लिए यह शादी इज्जत पर दाग थी। एक साल तक घर की चारदीवारी में बंद यह तनाव, अंततः हिंसा और हत्या की शक्ल ले बैठा।सूखे तालाब की मिट्टी से निकला प्रेम की मौत का राज

गांव के कुछ चरवाहों ने सूखे तालाब के किनारे असामान्य गतिविधियों को देखा और पुलिस को सूचना दी। जब खुदाई कराई गई, तो वहां मिट्टी में दफन एक युवती का शव मिला। पहचान होते ही पूरा गांव स्तब्ध रह गया — वह शव कंचन का था। इस बरामदगी ने एक शांत से गांव में भूचाल ला दिया।
हत्या में शक की सुई उसी घर की ओर, जहां बसी थी उसकी दुनिया
पुलिस जांच में जो तथ्य सामने आए, वह रिश्तों को शर्मसार कर देने वाले हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कंचन के ससुर रामभरोस राय ने ही उसकी हत्या की और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए तालाब किनारे दफना दिया। सबूत मिटाने की कोशिशें साफ तौर पर दर्शाती हैं कि हत्या पूर्व नियोजित थी।
पुलिस ने रामभरोस को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, वहीं सुजीत कुमार और अन्य परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस इस मामले को ऑनर किलिंग के रूप में देख रही है, जिसमें “घर की इज्जत” के नाम पर एक महिला की जिंदगी को बर्बाद कर दिया गया।
कंचन की खामोश चीख: क्या मिलेगा इंसाफ?
तेम्हुआ गांव की गलियों में आज भी कंचन की मौत की सिसकियां गूंज रही हैं। वह लड़की, जिसने प्यार को अपनी ताकत समझा, आज उसी प्यार की वजह से मिट्टी में दफन हो गई। परिवार, समाज और परंपरा की आड़ में उसके सपनों को मार दिया गया।
उसके मायके वाले आज गुस्से और गम में डूबे हुए हैं। वे प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि कंचन को इंसाफ मिले, और उसकी हत्या में शामिल सभी दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा दी जाए।
फॉरेंसिक टीम की जांच और SIT गठन
पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं। कंचन का शव पोस्टमार्टम के लिए सीतामढ़ी सदर अस्पताल भेजा गया है, और रिपोर्ट के बाद कई अहम खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है।
समाज के सवाल: क्या बेटियों को प्यार करने का हक नहीं?
इस घटना ने समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है —
“क्या अब भी हम प्यार को अपराध मानते हैं?”
“क्या एक लड़की का जुर्म बस इतना था कि उसने अपने दिल की सुनी?”
आज तेम्हुआ गांव की हर गली, हर दीवार यही सवाल दोहरा रही है। क्या कंचन सिर्फ एक आंकड़ा बनकर रह जाएगी? या फिर उसकी मौत एक चेतावनी बनकर समाज की सोच को झकझोरेगी?