Friday, September 5, 2025
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Bihar : जहां सिर्फ एक युवक मैट्रिक पास… वहीं शिक्षा की नई शुरुआत

समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए जरूरी नहीं कि आपके पास बड़ी राजनीतिक शक्ति या मंच हो, कभी-कभी छोटे-छोटे प्रयास भी समाज के लिए मिसाल बन जाते हैं। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला आरा के अख्तियारपुर मुसहर टोला में, जहां स्व. मंजू देवी की पुण्यतिथि पर उनके पुत्र सौरभ कुमार द्वारा गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री, व्हाइट बोर्ड और त्रिपाल का वितरण किया गया।

यह आयोजन “नई आशा” नामक सामाजिक संस्था के माध्यम से किया गया, जिसकी अगुवाई संस्था के संस्थापक डॉ. भीम सिंह भवेश ने की। कार्यक्रम में टोले के बच्चों और स्थानीय लोगों की भागीदारी उत्साहजनक रही।

पुण्यतिथि को सेवा में बदला: एक प्रेरणादायक पहल

कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. भवेश ने कहा,

“सौरभ कुमार ने अपनी मां की पुण्यतिथि को महज एक धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित न रखकर इसे समाजसेवा का अवसर बना दिया है। आज के समय में जब शिक्षा से सबसे अधिक महरूम समाज का अंतिम वर्ग है, ऐसे में इस तरह का प्रयास न सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि दूरगामी प्रभाव डालने वाला भी है।”

सौरभ कुमार ने इस अवसर पर कहा कि वे नई आशा संस्था से लंबे समय से जुड़े हुए हैं और विशेष रूप से उन बच्चों के लिए काम कर रहे हैं जो शिक्षा से वंचित हैं।

“मेरी मां हमेशा चाहती थीं कि समाज के सबसे पीछे खड़े बच्चों को भी आगे बढ़ने का मौका मिले। आज उनकी पुण्यतिथि पर यही मेरा श्रद्धांजलि है,” उन्होंने भावुक होकर कहा।

टोले की महिलाएं बोलीं – “हमें चाहिए पानी और शिक्षा”

कार्यक्रम के दौरान जब टोले की महिलाओं और युवतियों को अपनी बात रखने का मौका मिला, तो उन्होंने पेयजल संकट और महिलाओं के लिए सिलाई सह पढ़ाई केंद्र की आवश्यकता पर खुलकर बात की।
ज्योति कुमारी, एक स्थानीय युवती ने बताया,

“हमारी बच्चियों के पास न तो स्कूल की सुविधा है, न ही कोई कौशल सीखने का अवसर। अगर ‘नई आशा’ यहां एक प्रशिक्षण केंद्र शुरू करे तो हम आत्मनिर्भर बन सकती हैं।”

चौंकाने वाले आंकड़े: 300 की आबादी, सिर्फ एक मैट्रिक पास!

इस टोले की स्थिति का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां की कुल 300 से अधिक आबादी में अब तक सिर्फ एक युवक ही मैट्रिक की परीक्षा पास कर पाया है। यह आंकड़ा न सिर्फ सामाजिक असमानता को दर्शाता है, बल्कि सरकारी योजनाओं की पहुंच में आई खामियों को भी उजागर करता है।

स्थानीय कार्यकर्ताओं की रही सक्रिय भागीदारी

इस समाजोपयोगी कार्यक्रम को सफल बनाने में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवाओं ने सक्रिय योगदान दिया।
मौके पर उपस्थित रहे: रवि रंजन प्रकाश, दीपक कुमार, मनीष कुमार, विक्रम कुमार, मनीष वत्स, कुंदन कुमार सिंह, विक्की कुमार, अजय मुसहर, करण कुमार, सरिता देवी, रेणु देवी, ज्योति कुमारी सहित अनेक ग्रामीण।

छोटी शुरुआत, बड़ा संदेश

सौरभ कुमार द्वारा किया गया यह प्रयास हमें यह सिखाता है कि सामाजिक परिवर्तन के लिए बड़े संसाधनों की नहीं, बड़े संकल्प की जरूरत होती है।
यदि हर व्यक्ति अपने स्तर पर समाज के किसी कमजोर वर्ग के लिए प्रयास करे, तो वंचितों को भी मुख्यधारा में लाना संभव हो सकता है।

Akhtar Shafi
Akhtar Shafi
अख्तर शफी पिछले डेढ़ दशक से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। "आज" अख़बार से शुरू हुआ सफर, नेशन भारतवर्ष तक पहुंच चुका है। स्पोर्ट्स और एजुकेशन रिपोर्टिंग के साथ ही सेंट्रल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है। राजनीति, खेल के साथ ही विदेश की खबरों में खास रुचि है।

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