एक बार फिर लापरवाही, अनदेखी और अवैध परिवहन के काले कारोबार ने बिहार की धरती पर खून बहा दिया। हाजीपुर के फोरलेन पर स्थित बाजितपुर के पास सोमवार की सुबह उस समय कोहराम मच गया जब दिघवारा से हाजीपुर की ओर मक्का लेकर आ रही एक ओवरलोडेड पिकअप तेज रफ्तार में पलट गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में चार लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें एक महिला भी शामिल है। वहीं 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज सोनपुर अनुमंडलीय अस्पताल में चल रहा है।

हादसे का भयावह मंजर: ओवरलोडिंग और रफ्तार बनी काल
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पिकअप में यात्रियों की संख्या वाहन की क्षमता से कई गुना अधिक थी। साथ ही भारी मात्रा में मक्का की बोरियां भी लदी थीं। हादसा उस समय हुआ जब वाहन का चक्का तेज भार और गति के चलते फट गया। कुछ ही क्षणों में वाहन पलट गया और सड़क पर मानव शरीर, खून और मक्का की बोरियां बिखर गईं। इस दृश्य ने हर देखने वाले की रूह कांपा दी।
मदद को आगे आए ग्रामीण, पुलिस और समाजसेवी
घटना की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण, पुलिस बल और कई समाजसेवी घटनास्थल पर पहुंचे। निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल ले जाया गया। सोनपुर अस्पताल में दर्जनों घायल भर्ती हैं, जिनमें कई की हालत अत्यंत गंभीर बताई जा रही है। मौके पर पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और दुर्घटनाग्रस्त वाहन को जब्त कर लिया है।
प्रशासनिक सुस्ती और परिवहन माफिया की मिलीभगत पर सवाल
यह दुर्घटना प्रशासन की नाकामी और परिवहन विभाग की सुस्त निगरानी व्यवस्था को बेनकाब करती है। आए दिन सड़क पर ओवरलोडेड पिकअप और ट्रक धड़ल्ले से चलते हैं, लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी इन्हें रोकने की पहल नहीं करता। सूत्रों की मानें तो मक्के की ढुलाई में अधिक मुनाफा कमाने के लिए वाहन संचालक जानबूझकर अधिक लोगों और माल को ठूंस-ठूंसकर भरते हैं। यह लापरवाही आम जनता की जान पर भारी पड़ती है।

कोहराम का माहौल, टूटे परिवार, बिलखते परिजन
घटना स्थल पर ही चार शव बिखरे पड़े थे, जिनमें एक महिला का शव खून से लथपथ अवस्था में पड़ा मिला। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक खेतिहर मजदूर थे, जो अपनी फसल बेचकर घर लौट रहे थे। मौत की खबर सुनते ही पीड़ितों के गांवों में मातम छा गया। परिजन अस्पताल और घटनास्थल पर पहुंच कर बिलख पड़े। वहां का दृश्य हृदयविदारक था — सड़क पर खून, बिखरे मक्का के बोरे और रोते-बिलखते परिजन।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच की दिशा
हाजीपुर पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि इस हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है और 20 से अधिक घायल हैं। सभी की पहचान की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही चालक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, जो घटना के बाद से फरार बताया जा रहा है।
ओवरलोडिंग पर बने कड़े कानून, लेकिन पालन ढीला
गौरतलब है कि भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत ओवरलोडिंग एक दंडनीय अपराध है। फिर भी परिवहन माफिया और भ्रष्टाचार की गठजोड़ के चलते इसका पालन नगण्य है। हर बार हादसे के बाद कुछ दिनों की चेकिंग और कागजी कार्रवाई होती है, फिर व्यवस्था जस की तस हो जाती है। यह दुर्घटना भी प्रशासन की आंखें खोलने के लिए पर्याप्त है।
कब जागेगा सिस्टम?
हाजीपुर की यह दुर्घटना एक दर्दनाक स्मृति बनकर रह जाएगी, यदि इससे कोई सीख न ली गई। सस्ती सवारी, अनियंत्रित ट्रैफिक और ओवरलोडिंग का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज जिन परिवारों ने अपनों को खोया, उनका गुनहगार कौन है? सिर्फ वाहन चालक या पूरी व्यवस्था?
यह घटना एक बार फिर यह स्पष्ट करती है कि अगर प्रशासन, परिवहन विभाग और आमजन ने मिलकर समय रहते कदम नहीं उठाए, तो सड़कें कब्रगाह बनती रहेंगी।