बिहार के प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ. भीम सिंह भवेश को भारत सरकार की ओर से देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ से नवाजा गया है। मंगलवार की शाम राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. भवेश को यह सम्मान प्रदान किया। इस सम्मान के बाद आरा सहित पूरे क्षेत्र में हर्ष और गर्व का माहौल बन गया है। जिले के साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी और समाज के विभिन्न वर्गों ने डॉ. भीम सिंह भवेश को इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर बधाइयां दी हैं।
मुसहर समाज के उत्थान के लिए समर्पित जीवन
डॉ. भीम सिंह भवेश पिछले दो दशकों से मुसहर समाज के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत हैं। उनके अथक प्रयासों और समर्पण को इस सम्मान से देश ने मान्यता दी है। पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद डॉ. भवेश ने कहा कि वे इस मुहिम को और तेज़ी से आगे बढ़ाएंगे ताकि मुसहर समाज के लोग मुख्यधारा से अधिकाधिक जुड़ सकें। उन्होंने बताया कि उनके प्रोत्साहन और पहल से उदवंतनगर प्रखंड के चौराई मुसहर टोला में एक छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा और अवसर मिलेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की प्रशंसा
डॉ. भवेश के कार्यों की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने “मन की बात” के 110वें एपिसोड में 25 फरवरी 2024 को भी की थी। इससे पहले उनकी पुस्तकें और सामाजिक अभियानों को भी व्यापक सराहना मिली है। डॉ. भवेश साहित्य के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं और उन्होंने चार प्रमुख पुस्तकें लिखी हैं: “सान्निध्य का संस्मरण,” “नेम प्लेट,” “हाशिए पर हसरत,” और “कलकत्ता से कोलकता।” विशेष रूप से “हाशिए पर हसरत” मुसहर जाति की स्थिति पर एक चर्चित पुस्तक रही है, जिसका लोकार्पण राज्यसभा के उपसभापति हरिवंशजी ने किया था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एक सार्वजनिक पुस्तकालय की भी स्थापना की है, जो सामाजिक चेतना और शिक्षा के प्रसार का केंद्र बन चुका है।

प्रशासनिक और राजनीतिक हस्तियों ने जताया गर्व
समारोह के दौरान बिहार के गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने डॉ. भवेश को बधाई देते हुए कहा, “बिहार को आप पर गर्व है।” उन्होंने बताया कि वे पहले भी फोन पर बधाई दे चुके हैं, लेकिन आज व्यक्तिगत रूप से मिलकर खुशी हुई। मंत्री राय ने कहा कि मुसहर समाज के उत्थान में डॉ. भवेश का योगदान अतुलनीय है और इस कार्य में वे हर संभव सहयोग के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 30 मई को रोहतास के बिक्रमगंज में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के सिलसिले में वे अपने क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे हैं और इस अभियान को लेकर डॉ. भवेश के साथ लगातार संपर्क में हैं।
बिहार के उद्योग मंत्री अशोक चौधरी ने भी डॉ. भवेश को पद्मश्री सम्मान मिलने पर बधाई दी और कहा, “आपकी पुस्तकें मैंने पढ़ी हैं, आरा आकर आपसे मिलने और आपकी दूसरी पुस्तक लेने का अवसर भी जल्द मिलेगा। मुसहर समाज के लिए आपके अभियान में मैं भी पूर्ण सहयोग दूंगा।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी दी बधाई
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी डॉ. भवेश को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस दौरान डॉ. भवेश ने विदेश मंत्री को पहलगाम हमले के बाद सफल ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई दी। विदेश मंत्री ने विनम्रता से कहा कि यह उनका व्यक्तिगत प्रयास नहीं, बल्कि देशवासियों की एकजुटता और हौसले का परिणाम है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के हर सफल प्रयास में जनता का योगदान सर्वोपरि होता है और आपके जैसे समाजसेवक देश को प्रेरणा देते हैं।
डॉ. भीम सिंह भवेश का आदर्श जीवन
आरा के मदन जी का हाता निवासी डॉ. भवेश का जीवन सदैव सेवा और साहित्य के लिए समर्पित रहा है। वे मुसहर जाति के हाशिए पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। उनका जीवन सामाजिक जागरूकता, शिक्षा के प्रसार और मानव सेवा का प्रतीक है। पद्मश्री सम्मान उनके अथक प्रयासों और समर्पण को राष्ट्रीय पहचान देने वाला मील का पत्थर है।
डॉ. भवेश की इस उपलब्धि पर पूरा बिहार गर्व महसूस कर रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि वे आगे भी इसी जोश और जज्बे के साथ सामाजिक न्याय और समावेशन की लड़ाई लड़ते रहेंगे।