Friday, September 5, 2025
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LoveVsLegacy: प्यार की सज़ा या राजनीति की चाल? तेज प्रताप को पार्टी से निकाला, उठे 5 बड़े सवाल

बिहार की राजनीति का जब भी इतिहास लिखा जाएगा, तो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का जिक्र बिना अधूरा रहेगा। सामाजिक न्याय के आंदोलन से लेकर सत्ता की गद्दी तक, लालू यादव ने सिर्फ खुद नहीं, बल्कि अपने पूरे परिवार को राजनीति की पहली पंक्ति में ला खड़ा किया। लेकिन आज वही परिवार एक प्रेम विवाह के चलते अपने सबसे बड़े बेटे से सार्वजनिक और राजनीतिक संबंध तोड़ चुका है।

रविवार की दोपहर, जब राजद सुप्रीमो लालू यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक कठोर संदेश पोस्ट किया, तो राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई। उन्होंने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी” का दोषी ठहराते हुए छह साल के लिए पार्टी और परिवार दोनों से निष्कासित कर दिया।

लेकिन मामला केवल नैतिकता का नहीं लगता। इसकी तह में छुपे हैं कई राजनीतिक, पारिवारिक और जातिगत समीकरण, जो इस “लव मैरिज” को सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला नहीं रहने देते।

तेज प्रताप की दूसरी शादी और लालू परिवार का आक्रोश

तेज प्रताप यादव की दूसरी शादी अनुष्का यादव से हुई। दोनों ने सहमति से शादी की, वह भी हिन्दू रीति-रिवाजों से। लेकिन आश्चर्य की बात यह रही कि पूरा लालू परिवार इस शादी का विरोध कर खड़ा हो गया।

राजनीतिक परिवारों में विवाह सिर्फ निजी निर्णय नहीं होते—वे अक्सर विरासत, शक्ति और संतुलन के प्रतीक बन जाते हैं। यही कारण है कि अनुष्का यादव के नाम से उठे सवाल, अब सीधे लालू यादव की विचारधारा, पारिवारिक वफादारी और राजनीतिक रणनीति पर उंगलियाँ उठा रहे हैं।

पांच तीखे सवाल जो लालू परिवार को घेरे हुए हैं:

1. तेज प्रताप की शादी को स्वीकार क्यों नहीं कर पा रहा लालू परिवार?

जब दो बालिग प्रेम से विवाह करते हैं, तो संविधान उन्हें यह अधिकार देता है। लेकिन लालू परिवार ने इसे नैतिक मूल्यों की अनदेखी कहा है। सवाल यह है कि क्या नैतिकता का पैमाना अलग-अलग बेटों के लिए तय किया गया है?

2. अनुष्का यादव बहू क्यों नहीं मानी जा रहीं?

अनुष्का न सिर्फ यादव समुदाय से आती हैं, बल्कि शिक्षित और सामाजिक रूप से सक्रिय महिला हैं। फिर लालू परिवार उन्हें स्वीकार क्यों नहीं कर रहा? क्या इसके पीछे कोई गहरे राजनीतिक कारण हैं?

3. क्या अनुष्का तेजस्वी के लिए सियासी चुनौती बन सकती हैं?

यह सबसे अहम सवाल है। तेज प्रताप को हमेशा तेजस्वी के मुकाबले हल्का समझा गया। लेकिन क्या परिवार को यह डर है कि अनुष्का का प्रभाव तेजस्वी की सत्ता को चुनौती दे सकता है?

4. तेजस्वी की लव मैरिज मंज़ूर, तेज प्रताप की नहीं – क्यों?

तेजस्वी यादव की पत्नी एक ईसाई हैं, फिर भी उन्हें परिवार ने बहू माना, सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया। जबकि अनुष्का यादव को परिवार ने दरकिनार कर दिया। यह दोहरा मापदंड क्यों?

5. क्या लालू परिवार जाति से अधिक सियासी समीकरण देखता है?

जब तेज प्रताप की पत्नी यादव हैं, तो जातिगत एकता और सामाजिक न्याय के तर्क तो साथ होने चाहिए थे। लेकिन शायद इस मामले में पारिवारिक सत्ता की राजनीति ने सामाजिक समीकरणों को पछाड़ दिया।

तेज प्रताप बोले – ‘मैंने प्रेम किया है, गुनाह नहीं!’

तेज प्रताप यादव ने इस पूरे विवाद पर कहा है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया, बल्कि सिर्फ विवाह किया है। वह बार-बार कह चुके हैं कि उन्हें ‘राजनीतिक रूप से अलग-थलग’ करने की साजिश रची जा रही है। तेज प्रताप के समर्थकों का दावा है कि ये निष्कासन तेजस्वी के सत्ता समेकन का हिस्सा है।

सोशल मीडिया में बंटा बिहार, समर्थन बनाम नैतिकता की बहस

तेज प्रताप यादव के निष्कासन के बाद ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर लोगों की प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। जहां एक पक्ष तेज प्रताप के समर्थन में खड़ा है, वहीं दूसरा लालू यादव के फैसले को “अनुशासन का परिचायक” बता रहा है। लेकिन एक बात साफ है—इस प्रेम विवाह ने बिहार की सियासत को भावनात्मक, सामाजिक और वैचारिक बहसों के केंद्र में ला दिया है।

राजनीतिक विश्लेषण: क्या तेज प्रताप बनेंगे “बागी नेता”?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तेज प्रताप यादव अब एक “बागी नेता” के रूप में उभर सकते हैं। वे या तो अलग राजनीतिक मंच बना सकते हैं, या किसी क्षेत्रीय पार्टी से गठबंधन कर सकते हैं। अनुष्का यादव की सामाजिक सक्रियता और राजनीतिक समझ इस मोर्चे पर उनकी ताकत बन सकती है।

एक प्रेम विवाह ने खोली परिवार की राजनीति की परतें

तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव का रिश्ता सिर्फ एक वैवाहिक बंधन नहीं, बल्कि लालू परिवार की राजनीति में छुपे अंतर्विरोधों का आईना बन गया है। यह घटनाक्रम लालू परिवार की विचारधारा, सामाजिक न्याय के उसूल और निजी स्वतंत्रता के मूल्यों को गहरे सवालों में डालता है।

अब देखना यह है कि तेज प्रताप इस नए मोड़ पर क्या राजनीतिक रास्ता अपनाते हैं और क्या यह ‘लव स्टोरी’ भविष्य में ‘पावर पॉलिटिक्स’ को नया आयाम दे पाएगी?

Amlesh Kumar
Amlesh Kumar
अमलेश कुमार Nation भारतवर्ष में सम्पादक है और बीते ढाई दशक से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिकता जगत की अनुभव के साथ पंजाब केशरी दिल्ली से शुरुवात करते हुए दिनमान पत्रिका ,बिहारी खबर, नवबिहार, प्रभात खबर के साथ साथ मौर्य टीवी, रफ्तार टीवी,कशिश न्यूज, News4Nation जैसे मीडिया हाउस में काम करते राजनीति, क्राइम, और खेल जैसे क्षेत्रों में बेबाक और बेदाग पत्रकारिता के लिए जाने जाते है।

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