Friday, September 5, 2025
spot_img
spot_img

Top 5 This Week

Operation Sindoor: जब कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका बनीं भारत की एकता और नारी शक्ति की आवाज़

Operation Sindoor: जब देश की सीमाओं पर दुश्मन अपनी कायराना हरकतों से हमें तोड़ने की कोशिश करता है, तब भारत की मिट्टी में बसी एकता और साहस की भावना उसे मुंहतोड़ जवाब देती है। ऑपरेशन सिंदूर, जो 6-7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए चलाया गया, न केवल एक सैन्य सफलता थी, बल्कि यह भारतीय एकता और महिला सशक्तिकरण का एक ऐतिहासिक प्रतीक भी बन गया। इस ऑपरेशन की प्रेस ब्रीफिंग में दो महिला अधिकारियों, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देश का नेतृत्व किया, और यह पहली बार था जब भारतीय सेना की ओर से दो महिलाओं ने इतने संवेदनशील और महत्वपूर्ण मिशन की जानकारी दुनिया के सामने रखी। एक महिला के दृष्टिकोण से, यह घटना न केवल गर्व का क्षण है, बल्कि यह हमें अपने देश की विविधता, एकता और महिलाओं की असीम शक्ति की याद भी दिलाती है।

सोफिया कुरैशी: हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

कर्नल सोफिया कुरैशी, एक मुस्लिम महिला अधिकारी, ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में अपनी बुलंद आवाज और आत्मविश्वास से न केवल ऑपरेशन की तकनीकी जानकारी दी, बल्कि यह भी साबित किया कि देश की रक्षा में धर्म की कोई सीमा नहीं होती। जब दुश्मन ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकी हमला कर मासूमों की जान ली, तब उसका मकसद था हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ना। वह सोचता होगा कि धर्म के नाम पर गोलियां चलाकर वह भारत की आत्मा को कमजोर कर देगा। लेकिन कर्नल सोफिया कुरैशी ने, एक मुस्लिम महिला के रूप में, देश के लिए सबसे आगे खड़े होकर दुश्मन के इस मंसूबे को धूल में मिला दिया। उनकी उपस्थिति और नेतृत्व ने यह संदेश दिया कि भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई—सभी एक हैं, और हमारा धर्म केवल एक है: देशभक्ति

सोफिया कुरैशी की कहानी हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणा है। 1999 में मात्र 17 वर्ष की आयु में सेना में शामिल होने वाली सोफिया ने बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की और कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन से लेकर पुणे में बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास “एक्सरसाइज फोर्स 18” का नेतृत्व किया। ऑपरेशन पराक्रम और पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों में उनकी वीरता और समर्पण के लिए उन्हें प्रशंसा पत्र मिले। एक मुस्लिम महिला के रूप में, वह उन तमाम पूर्वाग्रहों को तोड़ती हैं जो समाज में कभी-कभी धर्म और लिंग के आधार पर बनाए जाते हैं। उनकी उपलब्धियां हमें याद दिलाती हैं कि जब देश की बात आती है, तो हमारा धर्म, हमारा लिंग, या हमारी पृष्ठभूमि मायने नहीं रखती—मायने रखता है केवल हमारा जज्बा और समर्पण।

व्योमिका सिंह: साहस और शक्ति की प्रतीक

विंग कमांडर व्योमिका सिंह, भारतीय वायुसेना की एक होनहार अधिकारी, ने कर्नल सोफिया के साथ मिलकर इस प्रेस ब्रीफिंग में ऑपरेशन की तकनीकी और रणनीतिक जानकारी साझा की। उनकी उपस्थिति ने न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत को दर्शाया, बल्कि यह भी दिखाया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं। व्योमिका सिंह का योगदान इस बात का सबूत है कि भारतीय महिलाएं न केवल घर की नींव हैं, बल्कि देश की सुरक्षा की ढाल भी हैं।

महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय

एक महिला के दृष्टिकोण से, सोफिया और व्योमिका की यह उपलब्धि हर उस महिला के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती है। भारतीय समाज में, जहां कभी महिलाओं को केवल घर की चारदीवारी तक सीमित माना जाता था, आज वे सेना, वायुसेना, और नौसेना में अग्रणी भूमिकाएं निभा रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में इन दो महिलाओं ने न केवल दुश्मन को जवाब दिया, बल्कि उन तमाम सामाजिक रूढ़ियों को भी चुनौती दी जो महिलाओं को कमजोर मानती हैं। यह एक संदेश है कि महिलाएं न केवल सक्षम हैं, बल्कि वे देश के सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील मिशनों का नेतृत्व कर सकती हैं।

हिंदू-मुस्लिम एकता: दुश्मन के इरादों पर करारा प्रहार

पाकिस्तान ने हमेशा से भारत की एकता को तोड़ने की कोशिश की है। पहलगाम हमले के पीछे उसका मकसद था धार्मिक आधार पर समाज को बांटना। लेकिन कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अपनी एकजुटता और साहस से दुश्मन के इस इरादे को नाकाम कर दिया। सोफिया, एक मुस्लिम महिला, और व्योमिका, एक हिंदू महिला, ने मिलकर यह दिखाया कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है। जब वे प्रेस ब्रीफिंग में एक साथ खड़ी थीं, तब वे न केवल भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व कर रही थीं, बल्कि उस एकता का भी प्रतीक थीं जो भारत को अटूट बनाती है।

सोशल मीडिया पर लोगों ने इन दोनों अधिकारियों की तारीफ में कसीदे पढ़े। एक यूजर ने लिखा, “सोफिया और व्योमिका ने दिखा दिया कि भारत का दिल एक है, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम।” यह भावना देश के पढ़े-लिखे और समझदार लोगों की सोच को दर्शाती है, जो धर्म के नाम पर बंटवारे की साजिश को समझते हैं और उसे नाकाम करते हैं।

एक नई प्रेरणा

ऑपरेशन सिंदूर और उसकी प्रेस ब्रीफिंग ने भारत के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश का नेतृत्व किया, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता और महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल कायम की। एक महिला के रूप में, मैं इन दोनों अधिकारियों को देखकर गर्व महसूस करती हूँ। उनकी कहानी हर उस महिला को प्रेरित करती है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहती है, और हर उस भारतीय को जो अपने देश की एकता और अखंडता में विश्वास रखता है।

दुश्मन ने सोचा होगा कि वह हमें धर्म के नाम पर तोड़ देगा, लेकिन सोफिया और व्योमिका ने साबित कर दिया कि भारत की आत्मा अटूट है। यह एकता, यह साहस, और यह जज्बा ही वह ताकत है जो हमें हर चुनौती से पार पाने की शक्ति देता है।

Amlesh Kumar
Amlesh Kumar
अमलेश कुमार Nation भारतवर्ष में सम्पादक है और बीते ढाई दशक से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिकता जगत की अनुभव के साथ पंजाब केशरी दिल्ली से शुरुवात करते हुए दिनमान पत्रिका ,बिहारी खबर, नवबिहार, प्रभात खबर के साथ साथ मौर्य टीवी, रफ्तार टीवी,कशिश न्यूज, News4Nation जैसे मीडिया हाउस में काम करते राजनीति, क्राइम, और खेल जैसे क्षेत्रों में बेबाक और बेदाग पत्रकारिता के लिए जाने जाते है।

Popular Articles

The content on this website is protected by copyright. Unauthorized copying, reproduction, or distribution is strictly prohibited.