Friday, September 5, 2025
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Operation sindoor: नारी सम्मान और राष्ट्रीय सुरक्षा का संगम—’ऑपरेशन सिंदूर’ से कांपा आतंक

Operation sindoor: भारत द्वारा किए गए आतंकवाद विरोधी अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है, जो न केवल एक सैन्य कार्रवाई को परिभाषित करता है, बल्कि इसके पीछे एक गहरा सांस्कृतिक, भावनात्मक और रणनीतिक संदेश भी छिपा है। यह सवाल अब हर किसी के मन में है – “आख़िर इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम ही क्यों दिया गया?” आइए जानते हैं इस खबर को विस्तार से…

ऑपरेशन सिंदूर: एक गहरी भावनात्मक प्रतिक्रिया

यह ऑपरेशन उन महिलाओं के सिंदूर का बदला है जिनके पतियों का नाम उनके माथे से मिटा दिया गया था। यह नाम उन आंसुओं की पहचान है जो 15 दिनों तक लगातार बहते रहे थे। यह उन 26 निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि है जिनकी जान सिर्फ इसलिए ले ली गई क्योंकि वे भारतीय थे। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि हर आंसू का जवाब दिया जाएगा और कोई भी बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर नाम पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया को दर्शाने के लिए चुना गया था। यह नाम उन महिलाओं के सम्मान में चुना गया जिनके सुहाग, यानी उनके पति, हमले में मारे गए थे। ऑपरेशन सिंदूर का मतलब है “सुहाग का बदला”, जो उन महिलाओं के प्रति भारत की सहानुभूति और आतंकवादियों के खिलाफ उसके संकल्प को दर्शाता है।

पीएम मोदी ने दिया था इस ऑपरेशन को यह नाम

पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किये। इसका नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस ऑपरेशन को यह नाम दिया था। सेना ने भी प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव को स्वीकार किया और ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इस हमले में 30 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है। वहीं, इस ऑपरेशन को अंजाम दिए जाने के बाद दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।

सिंदूर’ केवल श्रृंगार नहीं, प्रतीक है सम्मान और बलिदान का

भारतीय संस्कृति में सिंदूर केवल एक सौंदर्य प्रसाधन नहीं, बल्कि एक विवाहित स्त्री के आत्मसम्मान, सुरक्षा और आस्था का प्रतीक माना जाता है। जब कोई आतंकी हमला देश की मातृभूमि को लहूलुहान करता है, तो वह सीधे उस ‘सिंदूर’ का अपमान करता है, जो देश की गरिमा का प्रतीक है। यह सिद्ध करता है कि भारत अपनी संस्कृति और अपनी पहचान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

ऑपरेशन सिंदूर का नाम न केवल एक सैन्य कार्रवाई की पुष्टि करता है, बल्कि यह उन महिलाओं की वीरता और संघर्ष को भी सम्मानित करता है जिनके लिए उनके सुहाग का संरक्षण सर्वोपरि होता है। यह हर उस भारतीय महिला की आवाज बन जाता है जो अपने परिवार की सुरक्षा और सम्मान के लिए हर दिन संघर्ष करती है।

ऑपरेशन सिंदूर: मिशन पर एक नज़र

रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार रात 1:44 बजे शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा शिविर जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। भारतीय सेना ने कहा है कि हमला पूरी तरह से केंद्रित, नपा-तुला और गैर-बढ़ाने वाला था। यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। भारतीय सेना का बयान भी आया- “Justice is served” – यानी इंसाफ कर दिया गया।

इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखकर भारतीय सेना ने एक स्पष्ट संदेश दिया —
“जो भी भारत माता के सिंदूर को मिटाने की कोशिश करेगा, उसे करारा जवाब मिलेगा।”

नाम में नारी शक्ति और सैन्य शक्ति का संगम

‘सिंदूर’ का यह नाम नारी शक्ति और सैन्य शक्ति के एक पवित्र संगम का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि भारतीय सेना न सिर्फ सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि भारत माता के गौरव और अस्मिता की भी रक्षा करती है। भारतीय सेना ने न केवल एक कड़ा सैन्य प्रहार किया, बल्कि इस ऑपरेशन से यह भी साबित कर दिया कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है।

संवेदना और संकल्प

ऑपरेशन सिंदूर का नाम, पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों के परिवारों के प्रति भारत की संवेदना और संकल्प को दर्शाता है। यह उन परिवारों के प्रति एक सशक्त संदेश है, जो अपने प्रियजनों को खो चुके हैं। यह संदेश सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई का नहीं, बल्कि एक राष्ट्र की सामूहिक भावना का भी है। यह संदेश है – “हम आपके साथ हैं, और आपका बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा।”

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी आंतकवादी हमले का जवाब उसे उसी की भाषा में दिया जाएगा, और हम अपने नागरिकों की रक्षा में किसी भी स्तर पर नहीं रुकेंगे। यह केवल एक जवाब नहीं है, यह भारत के संकल्प और उसकी संस्कृति की रक्षा का प्रतीक है।

नारी शक्ति का सम्मान और समर्पण

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की नारी शक्ति के सम्मान का प्रतीक भी है। सिंदूर भारतीय संस्कृति में सम्मान, समर्पण, और सौभाग्य का प्रतीक है, और इस नाम से भारत ने यह सिद्ध किया है कि वह अपनी महिलाओं का सम्मान करने के लिए पूरी दुनिया में किसी भी चुनौती का सामना करेगा।

समाप्ति: भारत का संकल्प

ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय सेना अपनी संस्कृति, अपने नागरिकों, और अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी। यह न केवल एक सैन्य जवाब था, बल्कि यह एक चेतावनी भी थी उन आतंकवादियों के लिए, जो भारत माता के सम्मान को नष्ट करने का सपना देखते हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी उस सिंदूर को मिटाने की कोशिश करेगा, उसे परिणाम भुगतने होंगे।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक नाम नहीं है, यह भारत की भावना, भारत के संकल्प और भारतीय महिलाओं के सम्मान की रक्षा का एक जीवंत प्रतीक है।

Amlesh Kumar
Amlesh Kumar
अमलेश कुमार Nation भारतवर्ष में सम्पादक है और बीते ढाई दशक से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिकता जगत की अनुभव के साथ पंजाब केशरी दिल्ली से शुरुवात करते हुए दिनमान पत्रिका ,बिहारी खबर, नवबिहार, प्रभात खबर के साथ साथ मौर्य टीवी, रफ्तार टीवी,कशिश न्यूज, News4Nation जैसे मीडिया हाउस में काम करते राजनीति, क्राइम, और खेल जैसे क्षेत्रों में बेबाक और बेदाग पत्रकारिता के लिए जाने जाते है।

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