बिहार की राजनीति में आज एक नया अध्याय शुरू हुआ, जब रणविजय सिंह ने बड़हरा विधानसभा क्षेत्र में जनसेवा की नई यात्रा का शुभारंभ माँ आयरन देवी के पवित्र मंदिर में पूजा-अर्चना कर किया। इस शुभ अवसर पर उन्होंने क्षेत्र की समृद्धि, भाईचारा और विकास के लिए प्रार्थना की और बड़हरा की जनता के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आरंभ कर जनता के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।

राजनीति में आस्था और सेवा का संगम
पूरे कार्यक्रम की शुरुआत धार्मिक भावनाओं और सामाजिक ऊर्जा के साथ हुई। माँ आयरन देवी के मंदिर में रणविजय सिंह ने विधिवत पूजा की और अपने हाथों से दीप प्रज्वलित कर जनसेवा अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उनके साथ सैकड़ों समर्थक, बुजुर्ग, महिलाएं और स्थानीय युवा भी मौजूद रहे। मंदिर परिसर में धार्मिक गीतों और जयकारों की गूंज ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
“बड़हरा के लिए नहीं, बड़हरा के साथ” – रणविजय सिंह का संकल्प
पूजन के उपरांत जब रणविजय सिंह ने पत्रकारों से बात की, तो उनके शब्दों में जनता के लिए समर्पण, ईमानदारी और विकास का स्पष्ट दृष्टिकोण झलकता था। उन्होंने कहा:
“मैं राजनीति को सेवा का माध्यम मानता हूँ, न कि सत्ता का साधन। मेरा उद्देश्य है – हर हाथ को रोजगार, हर गांव को सड़क और हर बच्ची को शिक्षा। बड़हरा में जात-पात नहीं, केवल विकास की राजनीति होगी। आने वाला चुनाव मेरा नहीं, जनता का है — और जीत भी बड़हरा की होगी।”
उनका यह बयान मौके पर उपस्थित लोगों के बीच जोश और विश्वास भर गया। भीड़ में बार-बार नारों की गूंज उठ रही थी –
“अबकी बार, बदलाव की सरकार – रणविजय सिंह करेंगे विकास हर बार!”
बड़हरा में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर से जनकल्याण का आगाज
रणविजय सिंह ने अपने सामाजिक सरोकार को प्राथमिकता देते हुए बड़हरा क्षेत्र में पहले निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर की शुरुआत की। इस शिविर में सैकड़ों ग्रामीणों ने स्वास्थ्य जांच करवाई और मुफ्त दवाइयां प्राप्त कीं। स्थानीय डॉक्टरों की एक टीम ने शिविर में भाग लिया और लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया।
जनता ने इस पहल की खुले दिल से सराहना की और कहा कि यह पहल किसी राजनीतिक दिखावे से नहीं, बल्कि ईमानदार इरादों से प्रेरित है।

महिलाओं और बुजुर्गों की बड़ी भागीदारी
इस आयोजन की खास बात यह रही कि महिलाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कई महिला समूहों ने रणविजय सिंह का स्वागत पारंपरिक लोकगीतों और आरती से किया। बुजुर्गों ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि बड़हरा को आज ईमानदार और समर्पित नेतृत्व की ज़रूरत है, और रणविजय सिंह इस उम्मीद पर खरे उतरते हैं।
जोशीले नारे गूंजे – “बड़हरा बोलेगा, रणविजय ही डोलेगा!”
जनता की आवाज़ में जोश और भरोसा स्पष्ट दिखा। समर्थकों ने पूरे आयोजन के दौरान यह नारे लगाए:
“जात-पात छोड़ो, विकास की बात करो!”
“बड़हरा बोलेगा, अबकी बार ईमानदार को चुनेगा!”
“राजनीति नहीं, सेवा चाहिए – रणविजय सिंह जैसा नेता चाहिए!”
बड़हरा में एक नई लहर की दस्तक
राजनीतिक पंडितों की मानें तो रणविजय सिंह की यह जनभावनाओं से जुड़ी पहल बड़हरा की राजनीतिक धारा को बदलने में अहम भूमिका निभा सकती है। जिस तरह से उन्होंने जनता से सीधा संवाद, सामाजिक सेवा और स्थानीयता को केंद्र में रखा है, वह राजनीति के पारंपरिक ढांचे से अलग और प्रभावी नजर आ रहा है।
विशेषकर युवाओं में उनकी छवि “एक ज़मीनी, बेदाग और सक्रिय नेता” की बन रही है, जो आने वाले चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती है।