बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही जंग अब और तेज हो गई है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने एक बार फिर से रिश्वतखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए मंगलवार को मोतिहारी में योजना एवं विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई निगरानी ब्यूरो द्वारा सोमवार को पटना में राजस्व कर्मचारी को पकड़ने के एक दिन बाद हुई है, जिससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार की “जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन” नीति अब धरातल पर उतरती दिख रही है।
₹60 लाख की योजना, ₹2 लाख की रिश्वत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोतिहारी जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत सिसवा बरार के मलंगपुर पंचायत सरकार भवन निर्माण योजना की 60 लाख रुपये की लागत की पहली किस्त जारी करने के एवज में कार्यपालक अभियंता अजय कुमार ने 2 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतकर्ता द्वारा निगरानी विभाग में दी गई लिखित शिकायत की प्रामाणिकता की जांच कराई गई। जब आरोप सही पाए गए, तब एक विशेष धावा दल गठित कर अभियंता को ट्रैप करने की रणनीति बनाई गई।
रंगे हाथ गिरफ्तारी, निगरानी डीएसपी ने किया नेतृत्व
मंगलवार सुबह जैसे ही अभियंता अजय कुमार ने अपने निजी आवास पर रिश्वत की रकम स्वीकार की, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने उन्हें रंगे हाथों धर दबोचा। इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व निगरानी डीएसपी श्याम बाबू प्रसाद कर रहे थे।
गिरफ्तारी के बाद अभियंता से पूछताछ की जा रही है, और उनकी चल-अचल संपत्तियों, बैंक खातों और वित्तीय दस्तावेजों की जांच भी प्रारंभ कर दी गई है। जल्द ही उन्हें निगरानी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी की ‘सतत मुहिम’
राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों पर निगरानी ब्यूरो लगातार कार्रवाई कर रहा है। सोमवार को ही पटना में एक राजस्व कर्मचारी को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था, और अब मंगलवार को यह बड़ी कार्रवाई सामने आई है।
यह घटनाएं साबित करती हैं कि प्रशासन अब भ्रष्ट तंत्र को बख्शने के मूड में नहीं है। भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और हर शिकायत को प्राथमिकता से लेकर कार्रवाई की जा रही है।
क्या कहते हैं जानकार?
विशेषज्ञों की मानें तो निगरानी ब्यूरो की ये कार्रवाइयाँ समाज में एक सकारात्मक संदेश दे रही हैं कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। इस प्रकार की धरपकड़ से सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना को बल मिलता है।
वहीं आम जनता में यह विश्वास भी पनप रहा है कि यदि वे आवाज उठाएँगे, तो उन्हें न्याय मिलेगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती ही एकमात्र उपाय
अजय कुमार जैसे भ्रष्ट अधिकारियों की गिरफ्तारी न सिर्फ एक प्रशासनिक जीत है, बल्कि यह भ्रष्ट तंत्र में सेंध लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकार, निगरानी ब्यूरो और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ऐसे ही सजग और सतर्क रहकर हर स्तर पर भ्रष्टाचार की जड़ों को काटना होगा।