Bihar news: पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देश भर में उभरे गुस्से की लहर को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओजस्वी भाषण से वैश्विक मंच पर पहुंचा दिया। बिहार के मधुबनी में आयोजित एक जनसभा से प्रधानमंत्री ने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि “अब उन्हें ऐसी सजा मिलेगी जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।” यह सिर्फ एक राजनीतिक वक्तव्य नहीं, बल्कि भारत की नई आतंकी नीति की घोषणा मानी जा रही है — स्पष्ट, कठोर और निर्णायक।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की आत्मा पर हमला करने की निंदनीय कोशिश का जवाब देश की मिट्टी से ही देने की बात कहते हुए कहा, “अब उनकी खैर नहीं। 140 करोड़ भारतवासियों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़ देगी।” उन्होंने कहा कि जो भी इस हमले की साजिश में शामिल हैं, उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी जो आने वाले समय में आतंक के लिए नजीर बन जाएगी।

विश्व मंच पर भारत का रुख: अंग्रेजी में दिया वैश्विक संदेश
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने न सिर्फ हिंदी बल्कि अंग्रेजी में भी पूरी दुनिया को कड़े शब्दों में संबोधित किया। उन्होंने कहा:
“From the sacred land of Bihar, I declare — we will identify, we will pursue, and we will punish every single terrorist and their masters. The punishment will be beyond their wildest imagination.”
इस भाषण को देश-विदेश की मीडिया और कूटनीतिक हलकों में भारत की विदेश नीति के एक नए चरण की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब सिर्फ निंदा या कूटनीतिक विरोध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रत्यक्ष कार्रवाई के लिए तैयार है।
भावनाओं से भरा भाषण: शहीदों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने सभा के दौरान पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए 26 निर्दोष नागरिकों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा और नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “किसी ने अपना बेटा खोया है, किसी ने भाई, तो किसी ने जीवनसाथी। वे बंगाली थे, कन्नड़ भाषी थे, मराठी, ओड़िया, गुजराती और बिहार के लाल भी थे — लेकिन आज हर भारतवासी का दर्द एक जैसा है। ये हमला सिर्फ लोगों पर नहीं, हमारी आस्था पर हुआ है।”
‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारों से गूंजा मधुबनी
प्रधानमंत्री के आगमन से पहले ही सभा स्थल पर हजारों की भीड़ आतंक के विरुद्ध नारे लगाते हुए ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के स्वर में आवाज़ मिला चुकी थी। लोगों ने स्पष्ट कर दिया कि देश अब आतंक के प्रति किसी भी तरह की नरमी बर्दाश्त नहीं करेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा कि, “यह समय एकजुटता का है। पूरा देश शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ा है।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मंच से कहा, “प्रधानमंत्री मोदी पर देश को पूरा भरोसा है। वे जिस प्रकार आज इस कार्यक्रम में बिना विचलित हुए शामिल हुए, यह दर्शाता है कि समय आने पर वह कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगे।”
22 अप्रैल का हमला: आतंकियों की कायरता और देश का आक्रोश
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे, जो देशभर से कश्मीर की वादियों में घूमने आए थे। इस हमले को देश के खिलाफ ‘आस्था पर प्रहार’ माना जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन, कैंडल मार्च और शोकसभाएं जारी हैं।
कूटनीतिक हलचलों की आहट: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का दबाव
प्रधानमंत्री के बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। अमेरिका, फ्रांस, जापान, इज़रायल और ब्रिटेन जैसे देशों ने भारत के साथ खड़े रहने की बात कही है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ‘आरोपों को बेबुनियाद’ बताया, लेकिन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत, बालाकोट स्ट्राइक की तर्ज पर एक बार फिर सीमापार कार्रवाई कर सकता है। इस बार सरकार की नीति स्पष्ट है — हमला हुआ है, तो जवाब भी होगा।
विकास के वादों के साथ आतंक पर कठोर रुख
प्रधानमंत्री मोदी ने जहां एक ओर आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई का संकल्प जताया, वहीं दूसरी ओर बिहार को 13,500 करोड़ की परियोजनाएं सौंपने की भी घोषणा की। इसमें नई रेलवे लाइन, ट्रेनों की शुरुआत और आधारभूत संरचनाओं का विस्तार शामिल है।
राजनीतिक संकेत: प्रधानमंत्री की बगल में ‘भविष्य का मुख्यमंत्री’?
कार्यक्रम के अंत में एक और दृश्य चर्चा में रहा — जब प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करते हुए एक प्रमुख स्थानीय नेता सीएम की कुर्सी पर बैठ गए। इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी बिहार में नेतृत्व परिवर्तन के संकेत दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मधुबनी से आतंक के खिलाफ यह भाषण सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि देश की नई रणनीतिक नीति का ऐलान है। इसने स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद के विरुद्ध भारत सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं करेगा, बल्कि पहल करेगा। और यह पहल न केवल सीमाओं के भीतर, बल्कि सीमा पार तक भी पहुंचेगी।
मधुबनी की इस सभा से निकली हुंकार अब अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक गलियारों में भी गूंज रही है। आने वाले दिनों में भारत की कार्रवाई क्या रूप लेगी, इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।