जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले ने देश को गहरे शोक और आक्रोश में डुबो दिया है। हमले के तुरंत बाद, भारतीय सरकार ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी प्रतिक्रिया देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की उच्चस्तरीय बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े और निर्णायक फैसले लिए गए। इनमें सबसे अहम था 1960 की सिंधु जल संधि की समीक्षा और निलंबन। यह कदम पाकिस्तान की जल आपूर्ति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और भारत के द्वारा उठाया गया यह कदम पाकिस्तान पर भारी दबाव बनाने का संकेत है। इसके अलावा, पाकिस्तान के आतंकवादियों और उनके संरक्षकों के खिलाफ भारत ने ठोस और दीर्घकालिक रणनीति अपनाने की घोषणा की है।
पाकिस्तान पर भारत की कड़ी कार्रवाई की तैयारी
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। भारत के कठोर फैसलों के बाद पाकिस्तान ने अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने तीनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के साथ आपातकालीन बैठक की और पाकिस्तान के एयरबेस पर फाइटर जेट्स तैनात किए। पाकिस्तान ने कराची एयरबेस से 18 जेएफ-17 फाइटर जेट्स को भारत की सीमा के पास तैनात किया है, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को यह आशंका है कि भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी लॉन्च पैड्स को निशाना बना सकता है। इसके मद्देनज़र पाकिस्तान ने LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर अपनी सेना की तैनाती को बढ़ा दिया है और वहां उच्च सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया है।
पाकिस्तान की बेचैनी: रातभर की सक्रियता
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की रात बेचैनी में कटी। पाकिस्तानी एयरफोर्स ने अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया और रात के समय पाकिस्तान के विभिन्न एयरबेसों पर जेट्स की तैनाती की गई। रात 8 बजे कराची एयरबेस से पहला जेएफ-17 जेट लाहौर एयरबेस पर उतरा, और इसके बाद अन्य सभी जेट्स भी तैनात किए गए। इसके साथ ही पाकिस्तानी एयरफोर्स ने अपने ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को भी विभिन्न एयरबेसों के बीच उड़ान भरते हुए देखा।
इसके अलावा, पाकिस्तान ने अपने साब एरीये रडार सिस्टम को सक्रिय कर दिया और रात 11:30 बजे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। यह स्पष्ट था कि पाकिस्तान को भारत की प्रतिक्रिया का डर था और वह पूरी तरह से तैयार था।
भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी नाकेबंदी
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सबसे महत्वपूर्ण कदम सिंधु जल संधि को निलंबित करना था। इस संधि के तहत भारत पाकिस्तान को लगभग 80% पानी मुहैया कराता है, जो पाकिस्तान के कृषि और पेयजल स्रोतों के लिए महत्वपूर्ण है। अब भारत ने इस जल प्रवाह पर रोक लगाने का ऐलान किया है, जिससे पाकिस्तान को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों के खिलाफ भी निर्णायक कार्रवाई करने की योजना बनाई है। पूरे देश में एकजुट आक्रोश की लहर है और लोग पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक एक ही आवाज गूंज रही है—“अब बहुत हो गया, आतंकवाद के आकाओं को सबक सिखाओ।”
पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों की सफाई
जैसे ही पाकिस्तान को यह पता चला कि भारत पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रहा है, पाकिस्तान ने अपनी तैयारी तेज कर दी। खबर है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अपने मुख्य हेडक्वार्टर को खाली करना शुरू कर दिया है। यह हेडक्वार्टर 18 एकड़ में फैला हुआ था, जहां हजारों आतंकी ट्रेनिंग लेते थे। अब इस हेडक्वार्टर को खाली कर दिया गया है और पाकिस्तान के आतंकियों ने सीमाओं के पास से हटने की तैयारी शुरू कर दी है।
इसके अलावा, पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों के कमांडरों को अलग-अलग सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया गया है। इस प्रकार, पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया को देखते हुए वहां आतंकियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है और वे अपनी सुरक्षा के लिए भागने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत का सर्च ऑपरेशन
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़े सर्च ऑपरेशन की शुरुआत की। जम्मू और कश्मीर के विभिन्न इलाकों में सेना और पुलिस की संयुक्त टीमों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इस दौरान, उधमपुर के डुडु-बसंतगढ़ इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की खबरें भी सामने आईं। सेना ने कई आतंकवादियों को घेर लिया है और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए अभियान चलाया है।
सेना के सूत्रों के अनुसार, जम्मू कश्मीर घाटी में अब भी 100 से ज्यादा सक्रिय आतंकवादी हैं, जिन्हें चुन-चुन कर मारा जाएगा। भारतीय सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई पाकिस्तान और आतंकवादियों के लिए चेतावनी है कि अब आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत के इस कड़े रुख ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी आकर्षित किया है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, फ्रांस, और ब्रिटेन सहित प्रमुख वैश्विक शक्तियों ने भारत की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताओं का इज़हार किया है, लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के सबूत भी साझा किए हैं।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ सिर्फ बयानबाजी नहीं करेगा, बल्कि ठोस और दीर्घकालिक रणनीति अपनाकर आतंकियों और उनके संरक्षकों को मुंहतोड़ जवाब देगा। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने से लेकर आर्थिक व कूटनीतिक घेराबंदी तक भारत का रुख बेहद स्पष्ट और निर्णायक दिखाई दे रहा है।
आने वाले हफ्ते भारत-पाक संबंधों और दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। क्या पाकिस्तान इस दबाव में किसी वार्ता के लिए तैयार होगा? क्या भारत अपनी सैन्य कार्रवाई का अगला कदम उठाएगा? इन सवालों का जवाब आने वाले समय में ही मिलेगा, लेकिन एक बात साफ है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।