जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। आतंकी हमलावरों ने नकली वर्दी पहनकर सुरक्षा बलों और पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे यह हमला और भी भयावह बन गया। इस जघन्य वारदात के बाद देश भर से कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बिहार के नेताओं ने भी एक स्वर में इस हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए केंद्र सरकार से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आतंकियों की कायराना हरकत की निंदा की
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक ‘कायराना और दुर्भाग्यपूर्ण हरकत’ करार दिया। उन्होंने कहा,
“आतंक का कोई धर्म, जाति या समुदाय नहीं होता। इस तरह की कायराना हरकतों से देश को बांटने की कोशिश की जाती है, लेकिन भारत जैसे मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र को डराकर नहीं झुकाया जा सकता। पूरा देश शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा है।”
मुख्यमंत्री ने देशवासियों से एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ मुकाबला करने का आह्वान किया और शहीदों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
लालू प्रसाद यादव ने सख्त कार्रवाई की मांग की
राजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने हमले की तीव्र निंदा करते हुए केंद्र सरकार से तत्काल और कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा,
“आतंकी घटनाओं के समय पूरा देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ता है। अब समय आ गया है कि सरकार आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ को सख्ती से लागू करे। दोषियों को शीघ्र पकड़ कर कड़ी सजा दी जानी चाहिए। साथ ही खुफिया एजेंसियों को और अधिक सशक्त बनाने की जरूरत है।”
लालू प्रसाद ने इस हमले को मानवता पर हमला बताते हुए कहा कि ऐसे अपराधी किसी भी प्रकार की सहानुभूति के पात्र नहीं हो सकते।
तेजस्वी यादव ने जताया दुख, कहा – मानवता के खिलाफ हमला
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस आतंकी हमले को मानवता के खिलाफ करार दिया। उन्होंने लिखा,
“पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुआ हमला अत्यंत दुखद और स्तब्धकारी है। इस कठिन समय में हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। हिंसा और आतंकवाद के लिए हमारे समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।”
तेजस्वी यादव ने भी सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की।
जीतन राम मांझी बोले – भाईचारा कमजोर नहीं होगा
पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी इस हमले पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा,
“यह नृशंस हमला कश्मीर की शांति और भाईचारे को कमजोर नहीं कर सकता। हमारी सरकार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है। इस हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।”
उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की।
राजीव प्रताप रूडी, राधा मोहन सिंह समेत कई नेताओं ने जताई कड़ी प्रतिक्रिया
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि,
“यह कायराना हमला हमें विचलित नहीं कर सकता, बल्कि इससे हमारा संकल्प और मजबूत होगा। आतंकवाद के खिलाफ हम सभी को एकजुट रहना होगा।”
इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और रामकृपाल यादव समेत बिहार के कई नेताओं ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
सभी नेताओं ने केंद्र सरकार से खुफिया तंत्र को मजबूत करने, आतंकवादियों के खिलाफ व्यापक स्तर पर सख्त कार्रवाई करने और आंतरिक सुरक्षा रणनीतियों को नए सिरे से सुदृढ़ करने की मांग की।
राजनीतिक दलों में दिखी एकजुटता, मतभेद भुलाकर आतंक के खिलाफ साझा रुख
पहलगाम हमले के बाद बिहार में सत्ता और विपक्ष दोनों खेमों ने राजनीतिक मतभेदों को भुलाते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई। सभी दलों ने इस हमले को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा’ बताते हुए आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति अपनाने की जरूरत पर बल दिया। विपक्षी नेताओं ने भी सरकार को इस संकट में पूरा समर्थन देने का वादा किया।
पहलगाम आतंकी हमला : एक बड़ी चेतावनी
इस हमले ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद अब भी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। आतंकी हमलावरों द्वारा नकली वर्दी का इस्तेमाल कर हमला करना सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।
इस घटना से सबक लेते हुए सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया तंत्र को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह आतंकवादियों के मंसूबों पर कड़ी चोट करे और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोहराई न जा सकें।
देशभर में एकजुटता के साथ उठ रही आवाज यही कहती है कि भारत आतंकवाद से डरने वाला नहीं है, बल्कि उसे हर मोर्चे पर शिकस्त देने का संकल्प ले चुका है।