बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और कांग्रेस के मीडिया प्रमुख राजेश सिंह राठौर ने संयुक्त रूप से नीतीश सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। संवाददाता सम्मेलन में राजद प्रवक्ता एजाज अहमद, अरुण कुमार यादव और कांग्रेस सोशल मीडिया प्रभारी सौरभ सिन्हा भी मौजूद रहे।
शक्ति सिंह यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ रहा है, वैसे ही संगठित अपराध और गुंडागर्दी भी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि “लालू प्रसाद यादव ने जिन वंचित, शोषित, पिछड़े और दलित तबकों को सम्मान और अधिकार दिलाया था, आज वही वर्ग फिर से अपमान और अत्याचार का शिकार हो रहे हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबों को फिर से सिर झुकाकर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राजगीर में एक गरीब नाई के बेटे सुखदेव ठाकुर की गर्दन मरोड़कर पांच गोलियां मार दी गईं क्योंकि उसने अमीरों के आदेश के अनुसार काम करने से मना कर दिया था।
आरा नरसंहार का जिक्र करते हुए यादव ने भाजपा नेता बबलू सिंह पर संगीन आरोप लगाए और कहा कि उनके उच्चस्तरीय भाजपा नेताओं के साथ संबंधों की तस्वीरें इस बात का प्रमाण हैं कि अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीते एक सप्ताह में पटना, सीवान, सीतामढ़ी, सासाराम, बेगूसराय समेत राज्य भर में हत्याएं, लूट, अपहरण जैसी घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, “बिहार में अपराधियों को महिमामंडित किया जा रहा है, मुख्यमंत्री अचेतावस्था में हैं और प्रशासन पंगु बन चुका है।”

यादव ने भाजपा को ‘बुजदिल जगलर पार्टी’ (बीजेपी) करार दिया और कहा कि जदयू अब ‘जनता का दमन उत्पीड़न’ पार्टी बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ललन सिंह, संजय झा, विजय चौधरी और डीके बॉस जैसे नेता भाजपा को खुश करने के लिए जदयू का अस्तित्व खत्म करने पर आमादा हैं।
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख राजेश सिंह राठौर ने कहा कि बिहार में आज “गुंडा और माफिया राज” का बोलबाला है। उन्होंने कहा, “एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अपराध दर 323 प्रतिशत बढ़ी है। जहां 2005 में सालाना 1 लाख 7 हजार अपराध होते थे, वहीं 2022 में यह संख्या 3 लाख 47 हजार 835 तक पहुंच गई है।”
उन्होंने आगे बताया कि
- बिहार में हर दिन औसतन 953 अपराध हो रहे हैं।
- हत्या के प्रयास के मामले 262 प्रतिशत और जघन्य अपराध 206 प्रतिशत बढ़े हैं।
- महिला अपराधों में 336 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
- बच्चों के साथ अपराध के कुल 62,830 मामले सामने आए हैं।
- दलित उत्पीड़न के मामलों में बिहार, उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।
राठौर ने कहा कि जब सत्ता संरक्षित अपराधियों को संरक्षण मिलेगा और सजा में ढील दी जाएगी तो अपराध का ग्राफ बढ़ना स्वाभाविक है। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराध के अनुसंधान और जांच में भी सत्ता द्वारा हस्तक्षेप कर अपराधियों को बचाया जा रहा है।
राजद और कांग्रेस दोनों नेताओं ने एक सुर में कहा कि बिहार की जनता अब इस जंगलराज से मुक्ति चाहती है और राज्य के लोग तेजस्वी यादव में एक मजबूत विकल्प देख रहे हैं।