भोजपुरी संगीत जगत की चर्चित गायिका अनुपमा यादव एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। इस बार उन पर रोहतास जिले के धर्मपुरा थाना क्षेत्र में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में नहीं पहुंचने और एडवांस ली गई राशि वापस न करने का आरोप लगा है। करगहर पूर्वी क्षेत्र के जिला पार्षद महावीर साह द्वारा धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
जिला पार्षद का आरोप: एडवांस राशि ली, फिर नहीं पहुंचीं कार्यक्रम में
दर्ज एफआईआर के अनुसार, धर्मपुरा गांव में एक प्रतिष्ठित जयंती समारोह के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें अनुपमा यादव को बतौर मुख्य कलाकार आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के लिए 1.5 लाख रुपए की राशि तय की गई थी।
महावीर साह के अनुसार, अनुपमा यादव के एजेंट ने 36 हजार रुपए एडवांस में लिए थे। इसके बाद स्वयं गायिका ने महावीर साह से सीधे संपर्क कर अतिरिक्त 25 हजार रुपए की मांग की, जिसे आयोजकों ने बिना किसी हिचकिचाहट के दे दिया।
इस तरह कुल 61 हजार रुपए एडवांस में दिए गए, लेकिन बावजूद इसके गायिका कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं और न ही कोई सूचना दी गई। न तो पैसे लौटाए गए, न ही कोई स्पष्ट कारण बताया गया।
कार्यक्रम में मौजूद थे कई विशिष्ट अतिथि
यह कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा था।
इस अवसर पर बिहार सरकार के मंत्री केदार गुप्ता, पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह, एमएलसी राधाचरण सेठ, सहित कई गणमान्य राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां उपस्थित थीं।
ऐसे प्रतिष्ठित आयोजन में आमंत्रित मुख्य कलाकार की गैरमौजूदगी ने कार्यक्रम की गरिमा को प्रभावित किया और आयोजकों को मानसिक व आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा।
प्राथमिकी दर्ज, पुलिस जांच शुरू
धर्मपुरा थाना में केस संख्या 48/2025 के अंतर्गत अनुपमा यादव के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज की गई है।
थाना प्रभारी मिंटू कुमार ने बताया कि महावीर साह के लिखित आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर गंभीरता से जांच शुरू कर दी गई है।
जल्द ही संबंधित पक्षों से पूछताछ कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
महावीर साह का बयान
जिला पार्षद महावीर साह ने कहा:
“हमने पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ अनुपमा यादव को आमंत्रित किया और कार्यक्रम की तैयारी में लाखों खर्च किए। उनका न आना, और भुगतान की गई राशि वापस न करना — यह जनता के साथ धोखा है। हमने न्याय के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाया है और उम्मीद है कि कार्रवाई जरूर होगी।“

भोजपुरी गायिका अनुपमा यादव पर लगे इस आरोप ने न केवल उनके पेशेवर आचरण पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि क्षेत्रीय आयोजनों में कलाकारों की विश्वसनीयता को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है। अब देखना यह होगा कि पुलिस जांच के बाद मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।