बिहार में हर्ष फायरिंग पर पुलिस की सख्ती के बावजूद घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। ताजा मामला दरभंगा जिले के जाले थाना क्षेत्र के जोगियारा गांव से सामने आया है, जहां एक शादी समारोह के मेहंदी रस्म के दौरान हुई हर्ष फायरिंग में एक महिला डांसर की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी परिवार घर छोड़कर फरार हो गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
कैसे हुआ हादसा?
घटना जोगियारा गांव में राम विनय सिंह के घर आयोजित मेहंदी समारोह के दौरान घटी। जानकारी के अनुसार, मनोरंजन के लिए मुजफ्फरपुर जिले से चार महिला डांसरों को बुलाया गया था।
रात करीब 11:30 बजे जैसे ही डांस कार्यक्रम शुरू हुआ, वहां मौजूद कुछ लोगों ने हर्ष फायरिंग करनी शुरू कर दी। इसी दौरान एक गोली डांसर शानू खान के पेट में जा लगी। गोली लगते ही शानू मंच पर गिर पड़ी और उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
मृतक की पहचान
मृतका की पहचान मुजफ्फरपुर जिले के मिठनपुरा थाना क्षेत्र निवासी शानू खान के रूप में हुई है। सूचना मिलते ही जाले थानाध्यक्ष दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच अस्पताल भेज दिया गया है।
प्रत्यक्षदर्शी का बयान
घटना की प्रत्यक्षदर्शी डांसर रानी कुमारी ने बताया,
“जब हम लोग स्टेज पर डांस करने आए तो कुछ ही देर में लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। हम बार-बार फायरिंग रोकने की अपील करते रहे, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं मानी। तभी अचानक एक गोली शानू को लगी और वह मंच पर गिर पड़ी।”
इस घटना के बाद समारोह स्थल पर अफरा-तफरी मच गई और मौके पर मौजूद अधिकांश लोग भाग खड़े हुए।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की पुष्टि करते हुए सदर एसडीपीओ-2 ज्योति कुमारी ने बताया,
“जोगियारा गांव में शादी समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग के कारण एक महिला डांसर की मौत हो गई है। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।”
पुलिस ने पूरे इलाके में सघन छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है और आरोपी परिवार के सभी सदस्यों की तलाश की जा रही है।
लगातार बढ़ती हर्ष फायरिंग की घटनाएं
गौरतलब है कि बिहार में हर्ष फायरिंग अब शादी समारोहों और अन्य उत्सवों का एक खतरनाक चलन बन चुका है। पुलिस के तमाम निर्देशों और सख्ती के बावजूद हर साल कई लोग इस लापरवाही का शिकार हो रहे हैं। दरभंगा की यह घटना एक बार फिर से समाज को चेतावनी देती है कि हर्ष फायरिंग जैसी घातक परंपराओं पर अब ठोस रोक लगाने की जरूरत है।