राजद के दानापुर से विधायक और बाहुबली नेता रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पटना पुलिस (Patna Police) ने हाल ही में उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की है, और अब उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, विधायक के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेने की तैयारी की जा रही है।

शुक्रवार को पटना पुलिस, एसटीएफ और बीएमपी की संयुक्त टीम ने रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) के आवास और सहयोगियों के कुल 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई खगौल थाना क्षेत्र के कोधवां स्थित उनके आवास, अभियंतानगर सहित अन्य स्थानों पर की गई। इस दौरान विधायक मौके से फरार हो गए।
ऑडियो क्लिप और पेन ड्राइव बने सबूत
सिटी एसपी (पश्चिमी) शरथ आर. एस. ने जानकारी दी कि पुलिस को इस मामले में एक अहम ऑडियो क्लिप प्राप्त हुई है, जिसमें कथित तौर पर रंगदारी की बातचीत रिकॉर्ड है। इस क्लिप को फॉरेंसिक जांच के लिए SFL भेजा जाएगा। इसके साथ ही छापेमारी के दौरान विधायक के आवास से छह पेन ड्राइव बरामद किए गए हैं, जिनमें कई अहम सबूत मिलने की संभावना है।
रंगदारी और धमकी के गंभीर आरोप
एफआईआर के मुताबिक, एक बिल्डर खगौल थाना क्षेत्र के कोथवां गांव में 18 कट्ठा जमीन पर अपार्टमेंट का निर्माण करा रहा था। बिल्डर का आरोप है कि विधायक के भाई पिंकू यादव ने निर्माण कार्य में बाधा डाली, सामग्री गिरा दी और 33 लाख रुपये की वसूली का दबाव बनाया। साथ ही, दीपावली के मौके पर खुद विधायक रीतलाल यादव ने 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी, जो बाद में 30 लाख पर तय हुई। बिल्डर ने विधायक, उनके भाई, साला चीकू, भतीजा धीरज और सहयोगी सुनील महाजन को नामजद किया है। सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं।
राजनीतिक मोड़ लेता मामला
विधायक की पत्नी रिंकू देवी (Rinku devi) ने छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) को जानबूझकर फंसाया जा रहा है और उनके जीवन को खतरा है। “जिस तरह से पुलिस ने कार्रवाई की, ऐसा लग रहा था मानो वे किसी आतंकी या नक्सली की तलाश में हों,” उन्होंने कहा।
राजद और तेजस्वी यादव का पलटवार
राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी छापेमारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार पुलिस ‘पॉलिटिकल टूल’ बन गई है। उन्होंने मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह के मामले का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस सेलेक्टिव कार्रवाई कर रही है और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
पालीगंज के पूर्व विधायक और राजद जिलाध्यक्ष दीनानाथ सिंह यादव ने भी इस कार्रवाई को विपक्ष को बदनाम करने की साजिश बताया। उन्होंने कहा, “NDA सरकार आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजद की छवि खराब करने की साजिश रच रही है, लेकिन इसका उल्टा असर होगा और राजद गठबंधन पहले से ज्यादा मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरेगा।”
दानापुर विधायक रीतलाल यादव पर बढ़ता पुलिस का शिकंजा न केवल कानून व्यवस्था से जुड़ा मामला है, बल्कि अब यह पूरी तरह से एक राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है। जहां पुलिस इसे सबूतों पर आधारित कार्रवाई बता रही है, वहीं राजद इसे सत्ता पक्ष की प्रतिशोधात्मक राजनीति करार दे रहा है। आने वाले दिनों में यह मामला बिहार की सियासत में और भी ज्यादा हलचल मचा सकता है।