डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के कोटा में नेशनल हाईवे-52 पर भारी ट्रैफिक जाम में फंसने से 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है बच्चा बीमार था, बच्चे को उसके माता-पिता अस्पताल लेकर जा रहे थे, इस दौरान वो पुलिस से ट्रैफिक जाम खुलवाने की गुहार लगाते रहे।
करीब 3 घंटे तक जाम में फंसे रहने और समय पर इलाज न मिलने के कारण बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अब जाम में फंसने के कारण बच्चे की मौत पर पुलिस का बयान सामने आया है, पुलिस ने कहा कि जाम के हालातों के मद्देनजर पुलिस का जाप्ता तैनात किया जाता है।
जुकाम और बुखार से पीड़ित था मासूम
किसी भी एंबुलेंस को प्राथमिकता के साथ जाम से बाहर निकाला जाता है। बता दें कि 3 साल के मासूम को शरीर में हलचल हो रही थी, मासूम के पिता ने बताया कि बेटे को जुकाम और बुखार की शिकायत थी। उसे चेचट सरकारी हॉस्पिटल लेकर गए थे।
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बच्चे की गंभीर हालत के कारण उसे कोटा रेफर कर दिया गया, जैसे ही कोटा के लिए रवाना हुए तो दरा के पास हाईवे पर लगे भारी जाम में फंस गए। 3 घंटे तक भी जाम से न निकलने के कारण बच्चे ने मौके पर दम तोड़ दिया।
पहले भी हुआ बड़ा हादसा
वहीं इससे कुछ दिन पहले राजस्थान के दौसा में एक पांच साल के लड़के को बोरवेल से बाहर निकाला गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। लड़के को बचाने के लिए 57 घंटे तक चला बचाव अभियान चला लेकिन सब व्यर्थ हो गया। बच्चे के गिरने के करीब एक घंटे बाद बचाव अभियान शुरू किया गया।
150 फीट की गहराई पर मोटर पर अटका हुआ था
एनडीआरएफ के अधिकारियों की ओर से बताया गया कि बच्चे को निकालने के लिए बोरवेल से करीब छह फीट दूरी पर समानांतर उतना ही गहरा गड्डा खोदा गया। गड्डे से बोरवेल तक टनल बनाकर बच्चे को बाहर निकालने में सफलता मिली। बच्चा करीब 150 फीट की गहराई पर मोटर पर अटका हुआ था।